Monday, April 15, 2013

Murli [15-04-2013]-Hindi


मुरली सार:- ''मीठे बच्चे-बाप तुम्हें यह पढ़ाई जो पढ़ा रहे हैं, यही उनकी कृपा है, 
तुम तकदीर जगाकर आये हो भविष्य नई दुनिया में देवी-देवता बनने'' 

प्रश्न:- बच्चों ने बाप के सम्मुख कौन-सी प्रतिज्ञा की है? 
उत्तर:- तुमने प्रतिज्ञा की है-बाबा आप आये हो भारत को स्वर्ग बनाने, हम आपकी 
श्रीमत पर चल भारत को स्वर्ग बनाने में आपके मददगार बनेंगे। पवित्र बन भारत 
को पवित्र बनायेंगे। 

गीत:- तकदीर जगाकर आई हूँ... 

धारणा के लिए मुख्य सार :- 

1) अपने तन-मन-धन से रूहानी सोशल सेवा करनी है। रावण पर जीत पाकर भारत को स्वर्ग बनाना है। 

2) अपार सुख पाने के लिए पवित्रता की प्रतिज्ञा कर और सब संग तोड़ एक बाप की याद में रहना है।
 
वरदान:- अनासक्त बन लौकिक को सन्तुष्ट करते भी ईश्वरीय कमाई जमा करने वाले राज़युक्त भव 

कई बच्चे लौकिक कार्य, लौकिक प्रवृत्ति, लौकिक सम्बन्ध-सम्पर्क निभाते हुए अपनी विशाल 
बुद्धि से सबको सन्तुष्ट भी करते और ईश्वरीय कमाई का राज़ जानते हुए विशेष हिस्सा भी निकाल 
लेते। ऐसे एकनामी और एकानामी वाले अनासक्त बच्चे हैं जो सर्व खजानें, समय, शक्तियां और 
स्थूल धन को लौकिक से एकानामी कर अलौकिक कार्य में फ्राकदिली से लगाते हैं। ऐसे युक्तियुक्त, 
राज़युक्त बच्चे ही महिमा योग्य हैं। 

स्लोगन:- स्मृति स्वरूप बनकर हर कर्म करने वाले ही प्रकाश स्तम्भ (लाइट हाउस) बनते हैं।