21-04-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:23-01-76 मधुबन
संकल्प, वाणी और स्वरूप के हाईएस्ट और होलीएस्ट होने से बाप की प्रत्यक्षता
वरदान:- अपनी सूक्ष्म शक्तियों को स्थापना के कार्य में लगाने वाले मास्टर रचयिता भव
जैसे आपकी रचना साइंस वाले विस्तार को सार में समा रहे हैं। अति सूक्ष्म और शक्तिशाली
स्लोगन:- जहाँ स्वच्छता और मधुरता है वहाँ सेवा में सफलता है।
संकल्प, वाणी और स्वरूप के हाईएस्ट और होलीएस्ट होने से बाप की प्रत्यक्षता
वरदान:- अपनी सूक्ष्म शक्तियों को स्थापना के कार्य में लगाने वाले मास्टर रचयिता भव
जैसे आपकी रचना साइंस वाले विस्तार को सार में समा रहे हैं। अति सूक्ष्म और शक्तिशाली
विनाश के साधन बना रहे हैं। ऐसे आप मास्टर रचयिता बन अपनी सूक्ष्म शक्तियाँ स्थापना
के कार्य में लगाओ। आपके पास सबसे महान शक्ति है - श्रेष्ठ संकल्प की शक्ति, शुभ वृत्ति की
शक्ति, स्नेह और सहयोग की दृष्टि। तो इस सूक्ष्म शक्तियों द्वारा अपनी वंशावली की आशाओं
के दीपक जलाए उन्हें यथार्थ मंजिल पर पहुँचाओ।
स्लोगन:- जहाँ स्वच्छता और मधुरता है वहाँ सेवा में सफलता है।