Sunday, December 28, 2014

Murli-29/12/2014-Hindi

मुरली 29 दिसंबर 2014   “मीठे बच्चे - तुम्हारे पास मनमनाभव और मध्याजीभव के तीन बाण हैं, इन्हीं बाणों से तुम माया पर विजय प्राप्त कर सकते हो”  प्रश्न:-    बच्चों को बाप की मदद किस आधार पर मिलती हैं ? उत्तर:- जो बच्चे जितना बाप को प्यार से याद करते उतना बाप की मदद मिलती है । प्यार से बातें करो । अपना कनेक्शन ठीक रखो, श्रीमत पर चलते रहो तो बाप मदद करता रहेगा । बच्चे बाप की शुक्रिया मानते, बाबा आप परमधाम से आकर हमें पतित से पावन बनाते हो, आपसे हमें कितना सुख मिलता है । प्यार में आंसू भी आ जाते हैं ।  धारणा के लिए मुख्य सार:- 1. बाप का प्रिय बनने के लिए रहमदिल बन सर्विस पर तत्पर रहना है । सपूत, आज्ञाकारी बन सच्चा योगी वा ज्ञानी बनना है ।  2. अमृतवेले उठ बाप से बहुत मीठी-मीठी बातें करना है, बाप का शुक्रिया मानना है । बाप की मदद का अनुभव करने के लिए मोस्ट बिलवेड बाप को बड़े प्यार से याद करना है । वरदान:- सदा उमंग-उत्साह में रह मन से खुशी के गीत गाने वाले अविनाशी खुशनसीब भव ! आप खुशनसीब बच्चे अविनाशी विधि से अविनाशी सिद्धियां प्राप्त करते हो । आपके मन से सदा वाह- वाह की खुशी के गीत बजते रहते हैं । वाह बाबा! वाह तकदीर! वाह मीठा परिवार! वाह श्रेष्ठ संगम का सुहावना समय! हर कर्म वाह-वाह है इसलिए आप अविनाशी खुशनसीब हो । आपके मन में कभी व्हाई, आई (क्यों, मैं) नहीं आ सकता । व्हाई के बजाए वाह-वाह और आई के बजाए बाबा-बाबा शब्द ही आता है |  स्लोगन:-  जो संकल्प करते हो उसे अविनाशी गवर्मेंट की स्टैम्प लगा दो तो अटल रहेंगे ।  ओम् शांति |