Friday, December 26, 2014

Murli-26/12/2014-Hindi

मुरली 26 दिसंबर 2014 “मीठे बच्चे - तुम्हारे यह रिकार्ड संजीवनी बुटी हैं, इन्हें बजाने से मुरझाइस निकल जायेगी ।”    प्रश्न:-    अवस्था बिगड़ने का कारण क्या है? किस युक्ति से अवस्था बहुत अच्छी रह सकती है? उत्तर:- 1. ज्ञान की डांस नहीं करते, झरमुई झगमुई में अपना समय गंवा देते हैं इसलिए अवस्था बिगड़ जाती है । 2. दूसरों को दुःख देते हैं तो भी उसका असर अवस्था पर आता है । अवस्था अच्छी तब रहेगी जब मीठा होकर चलेंगे । याद पर पूरा अटेंशन होगा । रात को सोने के पहले कम से कम आधा घण्टा याद में बैठो फिर सवेरे उठकर याद करो तो अवस्था अच्छी रहेगी । गीत:- कौन आया मेरे मन के द्वारे....     धारणा के लिए मुख्य सार:- 1. पुरानी किचड़पट्टी में ममत्व नहीं रखना है, बाप के डायरेक्शन पर चलकर अपना ममत्व मिटाना है । ट्रस्टी बनकर रहना है ।  2. इस अन्तिम जन्म में भगवान को अपना वारिस बनाकर उन पर बलि चढ़ना है, तब 21 जन्मों का राज्य भाग्य मिलेगा बाप को याद कर सर्विस करनी है, नशे में रहना है | रजिस्टर कभी खराब न हो यह ध्यान देना है ।   वरदान:- अपने पोजीशन की स्मृति द्वारा माया पर विजय प्राप्त करने वाले निरन्तर योगी भव !    जैसे स्थूल पोजीशन वाले अपनी पोजीशन को कभी भूलते नहीं । ऐसे आपका पोजीशन है मास्टर सर्वशक्तिमान, इसे सदा स्मृति में रखो और रोज़ अमृतवेले इस स्मृति को इमर्ज करो तो निरन्तर योगी बन जाएंगे और सारा दिन उसका सहयोग मिलता रहेगा । फिर मास्टर सर्वशक्तिमान के आगे माया आ नहीं सकती, जब आप अपनी स्मृति की ऊँची स्टेज पर रहेंगे तो माया चींटी को जीतना सहज हो जायेगा ।   स्लोगन:-  आत्मा रुपी पुरुष को श्रेष्ठ बनाने वाले ही सच्चे पुरुषार्थी हैं ।      ओम् शांति