Monday, December 22, 2014

Murli-22/12/2014-Hindi

सार:- “मीठे बच्चे - सारा मदार याद पर है, याद से ही तुम मीठे बन जायेंगे, इस याद में ही माया की युद्ध चलती है” प्रश्न:-    इस ड्रामा में कौन सा राज बहुत विचार करने योग्य है? जिसे तुम बच्चे ही जानते हो? उत्तर:- तुम जानते हो कि ड्रामा में एक पार्ट दो बार बज न सके । सारी दुनिया में जो भी पार्ट बजता है वह एक दो से नया । तुम विचार करते हो कि सतयुग से लेकर अब तक कैसे दिन बदल जाते हैं । सारी एक्टिविटी बदल जाती है । आत्मा में 5 हजार वर्ष की एक्टिविटी का रिकॉर्ड भरा हुआ है, जो कभी बदल नहीं सकता । यह छोटी सी बात तुम बच्चों के सिवाए और किसी की बुद्धि में नहीं आ सकती । धारणा के लिए मुख्य सार:- 1. एक बाप की कशिश में रहकर खुशबूदार फूल बनना है । अपने स्वीट बाप को याद कर देह- अभिमान के कांटे को जला देना है । 2. इस हीरे तुल्य जन्म में अविनाशी कमाई जमा करनी है, कौड़ियों के बदले इसे गंवाना नहीं है । एक बाप से सच्चा प्यार करना है, एक के संग में रहना है । वरदान:- स्वमान की सीट पर सेट हो हर परिस्थिति को पार करने वाले सदा विजयी भव ! सदा अपने इस स्वमान की सीट पर स्थित रहो कि मैं विजयी रत्न हूँ, मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ - तो जैसी सीट होती है वैसे लक्षण आते हैं । कोई भी परिस्थिति सामने आये तो सेकण्ड में अपने इस सीट पर सेट हो जाओ । सीट वाले का ही ऑर्डर माना जाता है । सीट पर रहो तो विजयी बन जायेंगे । संगमयुग है ही सदा विजयी बनने का युग, यह युग को वरदान है, तो वरदानी बन विजयी बनो । स्लोगन:-   सर्व आसक्तियों पर विजय प्राप्त करने वाले शिव शक्ति पाण्डव सेना हैं ।   OM SHANTI