सार:- “मीठे बच्चे - कदम-कदम श्रीमत पर चलना यही हाइएस्ट चार्ट है, जिन बच्चों को श्रीमत का रिगार्ड है वह मुरली जरूर पढ़ेंगे”
प्रश्न:- तुम ईश्वर के बच्चों से कौन- सा प्रश्न कोई भी पूछ नहीं सकता है?
उत्तर:- तुम बच्चों से यह कोई भी नहीं पूछ सकता कि तुम राजी खुशी हो? क्योंकि तुम कहते हो हम सदैव राजी हैं । परवाह थी पार ब्रह्म में रहने वाले बाप की, वह मिल गया बाकी किस बात की परवाह करनी, तुम भल बीमार हो तो भी कहेंगे हम राजी खुशी हैं । ईश्वर के बच्चों को किसी बात की परवाह नहीं । बाप जब देखते हैं इन पर माया का वार हुआ है तो पूछते हैं-बच्चे, राजी खुशी हो?
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1. डेड साइलेन्स की सच्ची-सच्ची रूहानी यात्रा करनी है । हम सो का मन्त्र सदा याद रखना है, तब चक्रवर्ती राजा बनेंगे ।
2. मन्सा-वाचा-कर्मणा बहुत शुद्ध रहना है । अन्दर कोई भी गन्दगी न हो । कदम-कदम पर सावधानी रखनी है । श्रीमत का रिगार्ड रखना है ।
वरदान:- पावरफुल ब्रेक द्वारा सेकण्ड में निगेटिव को पाजिटिव में परिवर्तन करने वाले स्व परिवर्तक भव !
जब निगेटिव अथवा व्यर्थ संकल्प चलते हैं, तो उसकी गति बहुत फास्ट होती है । फास्ट गति के समय पॉवरफुल ब्रेक लगाकर परिवर्तन करने का अभ्यास चाहिए । वैसे भी जब पहाड़ी पर चढ़ते हैं तो पहले ब्रेक को चेक करते हैं । आप अपनी ऊंची स्थिति बनाने के लिए संकल्पों को सेकण्ड में ब्रेक देने का अभ्यास बढ़ाओ । जब अपने संकल्प वा संस्कार एक सेकण्ड में निगेटिव से पॉजिटिव में परिवर्तन कर लेंगे तब स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन का कार्य सम्पन्न होगा ।
स्लोगन:- स्वयं प्रति और सर्व आत्माओं के प्रति श्रेष्ठ परिवर्तन की शक्ति को कार्य में लाने वाले ही सच्चे कर्मयोगी हैं ।