Tuesday, December 23, 2014

Murli-24/12/2014-Hindi

⛅⛅⛅⛅⛅⛅⛅⛅⛅⛅⛅ 24-12-14 प्रातः मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे - विनाश के पहले सबको बाप का परिचय देना है, धारणा कर दूसरों को समझाओ तय ऊंच पद मिल सकेगा” प्रश्न:- राजयोगी स्टूडेंट्स को बाप का डायरेक्शन क्या है? उत्तर:- तुम्हें डायरेक्शन है कि एक बाप का बनकर फिर औरों से दिल नहीं लगानी है । प्रतिज्ञा कर फिर पतित नहीं बनना है । तुम ऐसा सम्पूर्ण पावन बन जाओ जो बाप और टीचर की याद स्वत: निरन्तर बनी रहे । एक बाप से ही प्यार करो, उसे ही याद करो तो तुम्हें बहुत ताकत मिलती रहेगी । ओम् शान्ति | अच्छा! मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमॉर्निंग । रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते । धारणा के लिए मुख्य सार:- 1. यह खेल बड़ा मजे का बना हुआ है, इसमें सुख और दुःख का पार्ट नूँधा हुआ है इसलिए रोने पीटने की बात नहीं । बुद्धि में रहे बनी-बनाई बन रही, बीती का चिंतन नहीं करना है । 2. यह कॉमन क्लास नहीं है, इसमें आँखें बन्द करके नहीं बैठना है । टीचर को सामने देखना है । उबासी आदि नहीं लेनी है । उबासी गम (दु निशानी है । वरदान:- ब्रह्मा बाप समान लक्ष्य को लक्षण में लाने वाले प्रत्यक्ष सेम्पल बन सर्व के सहयोगी भव ! जैसे ब्रह्मा बाप ने स्वयं को निमित्त एक्जैम्पुल बनाया, सदा यह लभ्य लक्षण में लाया - जो ओटे सो अर्जुन, इसी से नम्बरवन बनें । तो ऐसे फालो फादर करो । कर्म द्वारा सदा स्वयं जीवन में गुण मूर्त बन, प्रत्यक्ष सैम्पुल बन औरों को सहज गुण धारण करने का सहयोग दो - इसको कहते हैं गुणदान । दान का अर्थ ही है सहयोग देना । कोई भी आत्मा अब सुनने के बजाए प्रत्यक्ष प्रमाण देखना चाहती है । तो पहले स्वयं को गुणमूर्त बनाओ । स्लोगन:- सर्व की निराशाओं का अंधकार दूर करने वाले ही ज्ञान दीपक हैं । ओम् शान्ति | ⛅⛅⛅⛅☁☁⛅⛅⛅⛅⛅