Friday, December 12, 2014

Murli-13/12/2014-Hindi

13-12-14 प्रातः मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे - आत्मा रूपी बैटरी को ज्ञान और योग से भरपूर कर सतोप्रधान बनाना हैं, पानी के स्नान से नहीं |” प्रश्न:- इस समय सभी मनुष्य आत्माओं को भटकाने वाला कौन है? वह भटकाता क्यों है? उत्तर:- सभी को भटकाने वाला रावण है क्योंकि वह खुद भी भटकता है । उसे अपना कोई घर नहीं है । रावण को कोई बाबा नहीं कहेंगे । बाप तो परमधाम घर से आता है अपने बच्चों को ठिकाना देने । अभी तुम्हें घर का पता चल गया इसलिए तुम भटकते नहीं हो । तुम कहते हो हम बाप से पहले-पहले जुदा हुए अब फिर पहले-पहले घर जायेंगे । ओम् शान्ति | अच्छा । मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमॉर्निंग । रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते । धारणा के लिए मुख्य सार:- 1. देह के सब सम्बन्ध कैन्सिल कर आत्मा भाई- भाई हैं, यह निश्चय करना है और बाप को याद कर पूरे वर्से का अधिकारी बनना है । 2. अब पाप आत्माओं से लेन-देन नहीं करनी है । अज्ञान नींद से सबको जगाना है, शान्तिधाम-सुखधाम जाने का रास्ता बताना है । वरदान:- कैसे भी वायुमण्डल में मन-बुद्धि को सेकण्ड में एकाग्र करने वाले सर्वशक्ति सम्पन्न भव ! बापदादा ने सभी बच्चों को सर्वशक्तियां वर्से में दी हैं । याद की शक्ति का अर्थ है - मन-बुद्धि को जहाँ लगाना चाहो वहाँ लग जाए । कैसे भी वायुमण्डल के बीच अपने मन-बुद्धि को सेकण्ड में एकाग्र कर लो । परिस्थिति हलचल की हो, वायुमण्डल तमोगुणी हो, माया अपना बनाने का प्रयत्न कर रही हो फिर भी सेकण्ड में एकाग्र हो जाओ - ऐसी कंट्रोलिंग पावर हो तब कहेंगे सर्वशक्ति सम्पन्न । स्लोगन:- विश्व कल्याण की जिम्मेवारी और पवित्रता की लाइट का ताज पहनने वाले ही डबल ताजधारी बनते हैं । ओम् शान्ति | 🎳⚾⚾🎳⚾⚾🎳⚾⚾🎳