Tuesday, May 13, 2014

Murli-[13-5-2014]-Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - बाप जो सुनाते हैं, वह तुम्हारे दिल पर छप जाना चाहिए, 
तुम यहाँ आये हो सूर्यवंशी घराने में ऊंच पद पाने, तो धारणा भी करनी है'' 

प्रश्न:- सदा रिफ्रेश रहने का साधन क्या है? 
उत्तर:- जैसे गर्मी में पंखे चलते हैं तो रिफ्रेश कर देते हैं, ऐसे सदा स्वदर्शन चक्र फिराते 
रहो तो रिफ्रेश रहेंगे। बच्चे पूछते हैं-स्वदर्शन चक्रधारी बनने में कितना समय लगता है? 
बाबा कहते-बच्चे, एक सेकण्ड। तुम बच्चों को स्वदर्शन चक्रधारी जरूर बनना है 
क्योंकि इससे ही तुम चक्रवर्ती राजा बनेंगे। स्वदर्शन चक्र फिराने वाले सूर्यवंशी बनते हैं। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1. एक बाप के संग से स्वयं को पारसबुद्धि बनाना है। सम्पूर्ण निर्विकारी बनना है। 
कुसंग से दूर रहना है। 

2. सदा इसी खुशी में रहना है कि हम स्वदर्शन चक्रधारी सो नई दुनिया के मालिक 
चक्रवर्ती बनते हैं। शिवबाबा आये हैं हमें ज्ञान सूर्यवंशी बनाने। हमारा लक्ष्य ही यह है। 

वरदान:- बाप से शक्ति लेकर हर परिस्थिति को हल करने वाले साक्षी दृष्टा भव 

आप बच्चे जानते हो कि अति के बाद ही अन्त होना है। तो हर प्रकार की हलचल अति 
में होगी, परिवार में भी खिटखिट होगी, मन में भी अनेक उलझनें आयेंगी, धन भी 
नीचे ऊपर होगा। लेकिन जो बाप के साथी हैं, सच्चे हैं उनका जवाबदार बाप है। ऐसे 
समय पर मन बाप की तरफ हो तो निर्णय शक्ति से सब पार कर लेंगे। साक्षी दृष्टा हो 
जाओ तो बाप की शक्ति से हर परिस्थिति को सहज हल कर लेंगे। 

स्लोगन:- अब सब किनारे छोड़ घर चलने की तैयारी करो।