Thursday, January 29, 2015
मुरली 30 जनवरी 2015
30/01/15 Hindi Essence
“मीठे बच्चे - मुख्य दो बातें सबको समझानी हैं - एक तो बाप को याद करो, दूसरा 84 के चक्र को जानो फिर सब प्रश्न समाप्त हो जायेंगे”
प्रश्न:- बाप की महिमा में कौन-से शब्द आते हैं जो श्रीकृष्ण की महिमा में नहीं?
उत्तर:- वृक्षपति एक बाप है, श्रीकृष्ण को वृक्षपति नहीं कहेंगे । पिताओं का पिता वा पतियों का पति एक निराकार को कहा जाता, श्रीकृष्ण को नहीं । दोनों की महिमा अलग- अलग स्पष्ट करो ।
प्रश्न:- तुम बच्चे गांव-गांव में कौन-सा ढिंढोरा पिटवा दो?
उत्तर:- गांव-गांव में ढिंढोरा पिटवा दो कि मनुष्य से देवता, नर्कवासी से स्वर्गवासी कैसे बन सकते हो, आकर समझो । स्थापना, विनाश कैसे होता है, आकर समझो ।
गीत:- तुम्हीं हो माता, पिता तुम्हीं हो....
अच्छा!
मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमॉर्निंग । रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते ।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1. बाप ने जो वशीकरण मन्त्र दिया है, वह सबको याद दिलाना है । सर्विस की भिन्न-भिन्न युक्तियाँ रचनी है । भीड़ में अपना समय बरबाद नहीं करना है ।
2. ज्ञान की प्याइन्ट्स बुद्धि में रख ज्ञान में मस्त रहना है । हनूमान की तरह सतसंगो में जाकर बैठना है और फिर उनकी सेवा करनी है । खुशी में रहने के लिए सारा दिन सेवा करनी है ।
वरदान:- बाबा शब्द की स्मृति से कारण को निवारण में परिवर्तन करने वाले सदा अचल अडोल भव !
कोई भी परिस्थिति जो भल हलचल वाली हो लेकिन बाबा कहा और अचल बनें । जब परिस्थितियों के चिंतन में चले जाते हो तो मुश्किल का अनुभव होता है । अगर कारण के बजाए निवारण में चले जाओ तो कारण ही निवारण बन जाए क्योंकि मा. सर्वशक्तिमान् ब्राह्मणों के आगे परिस्थितियां चींटी समान भी नहीं । सिर्फ क्या हुआ, क्यों हुआ यह सोचने के बजाए, जो हुआ उसमें कल्याण भरा हुआ है, सेवा समाई हुई है... भल रूप सरकमस्टांश का हो लेकिन समाई सेवा है-इस रूप से देखेंगे तो सदा अचल अडोल रहेंगे ।
स्लोगन:- एक बाप के प्रभाव में रहने वाले किसी भी आत्मा के प्रभाव में आ नहीं सकते ।
ओम् शान्ति