“मीठे बच्चे - बाप की श्रीमत तुम्हें सदा सुखी बनाने वाली है, इसलिए देहधारियों की मत छोड़ एक बाप की श्रीमत पर चलो।”
Q-किन बच्चों की बुद्धि का भटकना अभी तक बन्द नहीं हुआ है?
A-जिन्हें ऊंच ते ऊंच बाप की मत में वा ईश्वरीय मत में भरोसा नहीं है, उनका भटकना अभी तक बन्द नहीं हुआ।
D-एक बाप से ही सुनना है, बाप को ही याद करना है, व्यभिचारी नहीं बनना है।
V-सच्चे साथी का साथ लेने वाले सर्व से न्यारे, प्यारे निर्मोही भव!
S-माया को देखने वा जानने के लिए त्रिकालदर्शी और त्रिनेत्री बनो तब विजयी बनेंगे।
Q-किन बच्चों की बुद्धि का भटकना अभी तक बन्द नहीं हुआ है?
A-जिन्हें ऊंच ते ऊंच बाप की मत में वा ईश्वरीय मत में भरोसा नहीं है, उनका भटकना अभी तक बन्द नहीं हुआ।
D-एक बाप से ही सुनना है, बाप को ही याद करना है, व्यभिचारी नहीं बनना है।
V-सच्चे साथी का साथ लेने वाले सर्व से न्यारे, प्यारे निर्मोही भव!
S-माया को देखने वा जानने के लिए त्रिकालदर्शी और त्रिनेत्री बनो तब विजयी बनेंगे।