06-10-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:11-05-77 मधुबन
सम्पन्न स्वरूप की निशानी - शुभ चिन्तन और शुभ चिन्तक
वरदान:- एक ही संकल्प में स्थित हो महातीर्थ की प्रत्यक्षता करने वाले जिम्मेवार आत्मा भव
यह आबू विश्व के लिए लाइट हाउस है। इस महातीर्थ की प्रत्यक्षता करने के लिए सर्व ब्राह्मण
स्लोगन:- अन्तर्मुखता की विशेषता को धारण कर लो तो सर्व की दुआयें मिलती रहेंगी।
सम्पन्न स्वरूप की निशानी - शुभ चिन्तन और शुभ चिन्तक
वरदान:- एक ही संकल्प में स्थित हो महातीर्थ की प्रत्यक्षता करने वाले जिम्मेवार आत्मा भव
यह आबू विश्व के लिए लाइट हाउस है। इस महातीर्थ की प्रत्यक्षता करने के लिए सर्व ब्राह्मण
बच्चों का एक ही संकल्प हो कि हर आत्मा को यहाँ से ठिकाना मिले। सबका कल्याण हो।
जब यह शुभ आशाओं का दीपक हर एक के अन्दर जगे, सबका सहयोग हो तब कार्य में
सफलता हो। सबके मन से यह आवाज निकले कि यह मेरी जिम्मेवारी है। जब हर एक
स्वयं को ऐसा जिम्मेवार समझेंगे तब प्रत्यक्षता की किरण अब्बा के घर से चारों ओर फैलेगी।
स्लोगन:- अन्तर्मुखता की विशेषता को धारण कर लो तो सर्व की दुआयें मिलती रहेंगी।