मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - तुम्हारा मगज़ (दिमाग) खुशी से सदा भरपूर होना चाहिए क्योंकि तुम
प्रश्न:- तुम बच्चे 21 जन्मों के लिए किस आधार पर मालामाल बनते हो?
उत्तर:- संगम पर तुम डायरेक्ट बाप को अपना सब कुछ देते हो। सब बाप के हवाले कर देते हो
गीत:- ओम् नमो शिवाए........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) चिंताओं से फ्री होने के लिए बाप समान नॉलेजफुल बनना है। बुद्धि में सदा ज्ञान का
2) रूहानी सार्विस कर अपनी प्रालब्ध बनानी है। पुराना सब कुछ ट्रांसफर कर देना है।
वरदान:- बैलेन्स द्वारा ब्लिसफुल जीवन का साक्षात्कार कराने वाले सर्व की ब्लैसिंग के पात्र भव
बैलेन्स सबसे बड़ी कला है। याद और सेवा का बैलेन्स हो तो बाप की ब्लैसिंग मिलती रहेगी।
स्लोगन:- महावीर वह है जो हर मुश्किल को सहज कर, पहाड़ को राई व रूई बना दे।
अभी बाप के समान मास्टर नॉलेजफुल बने हो''
प्रश्न:- तुम बच्चे 21 जन्मों के लिए किस आधार पर मालामाल बनते हो?
उत्तर:- संगम पर तुम डायरेक्ट बाप को अपना सब कुछ देते हो। सब बाप के हवाले कर देते हो
इसके रिटर्न में तुम 21 जन्मों के लिए मालामाल बन जाते हो। बाबा कहते इस समय तुम्हारे
पास जो कूड़ा किचड़ा है वह मुझे दे दो, मरने के पहले अपना सब कुछ ट्रान्सफर कर दो तो
भविष्य में उसका रिटर्न मिल जायेगा।
गीत:- ओम् नमो शिवाए........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) चिंताओं से फ्री होने के लिए बाप समान नॉलेजफुल बनना है। बुद्धि में सदा ज्ञान का
सिमरण करते रहना है।
2) रूहानी सार्विस कर अपनी प्रालब्ध बनानी है। पुराना सब कुछ ट्रांसफर कर देना है।
वरदान:- बैलेन्स द्वारा ब्लिसफुल जीवन का साक्षात्कार कराने वाले सर्व की ब्लैसिंग के पात्र भव
बैलेन्स सबसे बड़ी कला है। याद और सेवा का बैलेन्स हो तो बाप की ब्लैसिंग मिलती रहेगी।
हर बात के बैलेन्स से सहज ही नम्बरवन बन जायेंगे। बैलेन्स ही अनेक आत्माओं के आगे
ब्लिसफुल जीवन का साक्षात्कार करायेगा। बैलेन्स को सदा स्मृति में रखते हुए सर्व प्राप्तियों
का अनुभव करते रहो तो स्वयं भी आगे बढ़ते रहेंगे और अन्य आत्माओं को भी आगे बढ़ायेंगे।
स्लोगन:- महावीर वह है जो हर मुश्किल को सहज कर, पहाड़ को राई व रूई बना दे।