19-08-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:03-08-75 मधुबन
शिव शक्ति व पाण्डव सेना को तैयार होने के लिए सावधानी
वरदान: फालो फादर करते हुए सपूत बन हर कर्म में सबूत देने वाले सफलता स्वरूप भव
जो फालो फादर करने वाले बच्चे हैं वही समान हैं, क्योंकि जो बाप के कदम वो आपके कदम। बापदादा सपूत उन्हें कहता - जो हर कर्म में सबूत दे। सपूत अर्थात् सदा बाप के श्रीमत का हाथ और साथ अनुभव करने वाले। जहाँ बाप की श्रीमत व वरदान का हाथ है वहाँ सफलता है ही, इसलिए कोई भी कार्य करते ये स्मृति में लाओ कि बाप के वरदान का हाथ हमारे ऊपर है।
स्लोगन: हीरे तुल्य ऊंची स्थिति में स्थित होकर किये गये कर्म ही मूल्यवान कर्म हैं।
शिव शक्ति व पाण्डव सेना को तैयार होने के लिए सावधानी
वरदान: फालो फादर करते हुए सपूत बन हर कर्म में सबूत देने वाले सफलता स्वरूप भव
जो फालो फादर करने वाले बच्चे हैं वही समान हैं, क्योंकि जो बाप के कदम वो आपके कदम। बापदादा सपूत उन्हें कहता - जो हर कर्म में सबूत दे। सपूत अर्थात् सदा बाप के श्रीमत का हाथ और साथ अनुभव करने वाले। जहाँ बाप की श्रीमत व वरदान का हाथ है वहाँ सफलता है ही, इसलिए कोई भी कार्य करते ये स्मृति में लाओ कि बाप के वरदान का हाथ हमारे ऊपर है।
स्लोगन: हीरे तुल्य ऊंची स्थिति में स्थित होकर किये गये कर्म ही मूल्यवान कर्म हैं।