05-08-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 'अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 10.02.75 मधुबन
सर्व शक्तियों सहित सेवा में समर्पण
वरदान: फ्राकदिल बन दु:खी अशान्त आत्माओं को खुशी का दान देने वाले मास्टर रहमदिल भव
वर्तमान समय लोगों को और सब कुछ मिल सकता है लेकिन सच्ची खुशी नहीं मिल सकती
स्लोगन:- ज्ञान योग की पालना ही रूहानी पालना है-इस पालना से शक्तिशाली बनो और बनाओ।
सर्व शक्तियों सहित सेवा में समर्पण
वरदान: फ्राकदिल बन दु:खी अशान्त आत्माओं को खुशी का दान देने वाले मास्टर रहमदिल भव
वर्तमान समय लोगों को और सब कुछ मिल सकता है लेकिन सच्ची खुशी नहीं मिल सकती
इसलिए ऐसे समय पर दु:खी अशान्त आत्माओं को खुशी की अनुभूति करा दो तो वे दिल से
दुआयें देंगी। आप दाता के बच्चे हो तो फ्राकदिली से खुशी का खजाना बांटो, रहमदिल के गुण
को इमर्ज करो। कभी भी यह नहीं सोचो कि यह तो सुनने वाले ही नहीं हैं। भल कोई आपोजीशन
भी करे तो भी आपको रहम की भावना नहीं छोड़नी है। रहम भावना, शुभ भावना फल अवश्य देती है।
स्लोगन:- ज्ञान योग की पालना ही रूहानी पालना है-इस पालना से शक्तिशाली बनो और बनाओ।