10-02-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:26.10.75 मधुबन
विकारी देह रूपी साँप से सारी कमाई खत्म
वरदान:- अटेन्शन और चेकिंग की विधि द्वारा व्यर्थ के खाते को समाप्त करने वाले मा. सर्वशक्तिमान् भव
ब्राह्मण जीवन में व्यर्थ संकल्प, व्यर्थ बोल, व्यर्थ कर्म बहुत समय व्यर्थ गंवा देते हैं। जितनी कमाई करने चाहो उतनी नहीं कर सकते। व्यर्थ का खाता समर्थ बनने नहीं देता, इसलिए सदा इस स्मृति में रहो कि मैं मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ। शक्ति है तो जो चाहे वो कर सकते हैं। सिर्फ बार-बार अटेन्शन दो। जैसे क्लास के समय वा अमृतवेले की याद के समय अटेन्शन देते हो, ऐसे बीच-बीच में भी अटेन्शन और चेकिंग की विधि अपना लो तो व्यर्थ का खाता समाप्त हो जायेगा।
स्लोगन:- राजॠषि बनना है तो ब्राह्मण आत्माओं की दुआओं से अपनी स्थिति को निर्विघ्न बनाओ।
विकारी देह रूपी साँप से सारी कमाई खत्म
वरदान:- अटेन्शन और चेकिंग की विधि द्वारा व्यर्थ के खाते को समाप्त करने वाले मा. सर्वशक्तिमान् भव
ब्राह्मण जीवन में व्यर्थ संकल्प, व्यर्थ बोल, व्यर्थ कर्म बहुत समय व्यर्थ गंवा देते हैं। जितनी कमाई करने चाहो उतनी नहीं कर सकते। व्यर्थ का खाता समर्थ बनने नहीं देता, इसलिए सदा इस स्मृति में रहो कि मैं मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ। शक्ति है तो जो चाहे वो कर सकते हैं। सिर्फ बार-बार अटेन्शन दो। जैसे क्लास के समय वा अमृतवेले की याद के समय अटेन्शन देते हो, ऐसे बीच-बीच में भी अटेन्शन और चेकिंग की विधि अपना लो तो व्यर्थ का खाता समाप्त हो जायेगा।
स्लोगन:- राजॠषि बनना है तो ब्राह्मण आत्माओं की दुआओं से अपनी स्थिति को निर्विघ्न बनाओ।