अब इस पुरानी दुनिया पर नहीं हैं, तुम्हारा लंगर उठ चुका है''
प्रश्न:- जादूगर बाप की वन्डरफुल जादूगरी कौन-सी है जो दूसरा कोई नहीं कर सकता?
उत्तर:- कौड़ी तुल्य आत्मा को हीरे तुल्य बना देना, बागवान बनकर काँटों को फूल बना देना -
यह बहुत वन्डरफुल जादूगरी है जो एक जादूगर बाप ही करता है, दूसरा कोई नहीं। मनुष्य पैसा
कमाने के लिए सिर्फ जादूगर कहलाते हैं, लेकिन बाप जैसा जादू नहीं कर सकते हैं।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) जिसे सारी दुनिया ढूँढ रही है, वह बाबा हमें मिल गया - इसी खुशी में रहना है। याद से ही पाप
कटते हैं इसलिए किसी भी परिस्थिति में बाप और वर्से को याद करना है। एक मिनट भी अपना
समय वेस्ट नहीं करना है।
2) इस पुरानी दुनिया से बुद्धि का लंगर उठा देना है। बाबा हमारे लिये नया घर बना रहे हैं, यह है
रौरव नर्क, कंस पुरी, हम जाते हैं वैकुण्ठपुरी में। सदा इस स्मृति में रहना है।
वरदान:- सर्व खजानों को स्व के प्रति और औरों के प्रति यूज करने वाले अखण्ड महादानी भव
जैसे बाप का भण्डारा सदा चलता रहता है, रोज देते हैं ऐसे आपका भी अखण्ड लंगर चलता रहे
क्योंकि आपके पास ज्ञान का, शक्तियों का, खुशियों का भरपूर भण्डारा है। इसे साथ में रखने वा
यूज करने में कोई भी खतरा नहीं है। यह भण्डारा खुला होगा तो चोर नहीं आयेगा। बंद रखेंगे तो
चोर आ जायेंगे इसलिए रोज अपने मिले हुए खजानों को देखो और स्व के प्रति और औरों के प्रति
यूज करो तो अखण्ड महादानी बन जायेंगे।
स्लोगन:- सुने हुए को मनन करो, मनन करने से ही शक्तिशाली बनेंगे।