Thursday, April 30, 2015
मुरली 30 अप्रैल 2015
“मीठे बच्चे - वैजयन्ती माला में आने के लिए निरन्तर बाप को याद करो, अपना टाइम वेस्ट मत करो, पढ़ाई पर पूरा-पूरा ध्यान दो |”
प्रश्न:-
बाप अपने बच्चों से कौन-सी एक रिक्वेस्ट करते हैं?
उत्तर:-
मीठे बच्चे, बाप रिक्वेस्ट करते हैं-अच्छी रीति पढ़ते रहो। बाप के दाढ़ी की लाज रखो। ऐसा कोई गंदा काम मत करो जिससे बाप का नाम बदनाम हो। सत बाप, सत शिक्षक, सतगुरू की कभी निंदा मत कराओ। प्रतिज्ञा करो-जब तक पढ़ाई है तब तक पवित्र जरूर रहेंगे।
गीत:- तुम्हें पाके हमने जहाँ पा लिया है.........
धारणा के लिए मुख्य सार :-
1) सदा नशा रहे कि हम आज पढ़ते हैं कल क्राउन प्रिन्स-प्रिन्सेज बनेंगे। अपनी दिल से पूछना है-हम ऐसा पुरूषार्थ करते हैं? बाप का इतना रिगार्ड है? पढ़ाई का शौक है?
2) बाप के कर्तव्य में गुप्त मददगार बनना है। भविष्य के लिए अपना बैग-बैगेज ट्रांसफर कर देना है। कौड़ियों के पीछे समय न गँवाकर हीरे जैसा बनने का पुरूषार्थ करना है।
वरदान:-
रीयल्टी द्वारा रॉयल्टी का प्रत्यक्ष रूप दिखाने वाले साक्षात्कार मूर्त भव!
अभी ऐसा समय आयेगा जब हर आत्मा प्रत्यक्ष रूप में अपने रीयल्टी द्वारा रॉयल्टी का साक्षात्कार करायेगी। प्रत्यक्षता के समय माला के मणके का नम्बर और भविष्य राज्य का स्वरूप दोनों ही प्रत्यक्ष होंगे। अभी जो रेस करते-करते थोड़ा सा रीस की धूल का पर्दा चमकते हुए हीरों को छिपा देता है, अन्त में यह पर्दा हट जायेगा फिर छिपे हुए हीरे अपने प्रत्यक्ष सम्पन्न स्वरूप में आयेंगे, रॉयल फैमली अभी से अपनी रायल्टी दिखायेगी अर्थात् अपने भविष्य पद को स्पष्ट करेगी इसलिए रीयल्टी द्वारा रायल्टी का साक्षात्कार कराओ।
स्लोगन:-
किसी भी विधि से व्यर्थ को समाप्त् कर समर्थ को इमर्ज करो।
ओम् शांति ।