Monday, April 27, 2015

मुरली 28 अप्रैल 2015

“मीठे बच्चे - तुम्हारा यह मोस्ट वैल्युबुल समय है, इसमें तुम बाप के पूरे-पूरे मददगार बनो, मददगार बच्चे ही ऊंच पद पाते हैं |” प्रश्न:- सर्विसएबुल बच्चे कौन सी बहाने बाजी नहीं कर सकते हैं? उत्तर:- सर्विसएबुल बच्चे यह बहाना नहीं करेंगे कि बाबा यहाँ गर्मी है, यहाँ ठण्डी है इसलिए हम सर्विस नहीं कर सकते हैं। थोड़ी गर्मी हुई या ठण्डी पड़ी तो नाजुक नहीं बनना है। ऐसे नहीं, हम तो सहन ही नहीं कर सकते हैं। इस दु:खधाम में दु:ख-सुख, गर्मी-सर्दी, निंदा-स्तुति सब सहन करना है। बहाने बाजी नहीं करनी है। गीतः धीरज धर मनुवा....... धारणा के लिए मुख्य सार :- 1) रूहानी पढ़ाई पढ़नी और पढ़ानी है। अविनाशी ज्ञान रत्नों से अपनी मुट्ठी भरनी है। चनों के पीछे समय नहीं गँवाना है। 2) अब नाटक पूरा होता है, इसलिए स्वयं को कर्मबन्धनों से मुक्त करना है। स्वदर्शन चक्रधारी बनना और बनाना है। मदर फादर को फालो कर राजाई पद का अधिकारी बनना है। वरदान:- एकमत और एकरस अवस्था द्वारा धरनी को फलदायक बनाने वाले हिम्मतवान भव! जब आप बच्चे हिम्मतवान बनकर संगठन में एकमत और एकरस अवस्था में रहते वा एक ही कार्य में लग जाते हो तो स्वयं भी सदा प्रफुल्लित रहते और धरनी को भी फलदायक बनाते हो। जैसे आजकल साइन्स द्वारा अभी-अभी बीज डाला, अभी-अभी फल मिला, ऐसे ही साइलेन्स के बल से सहज और तीव्रगति से प्रत्यक्षता देखेंगे। जब स्वयं निर्विघ्न एक बाप की लगन में मगन, एकमत और एकरस रहेंगे तो अन्य आत्मायें भी स्वत: सहयोगी बनेंगी और धरनी फलदायक हो जायेगी। स्लोगन:- जो अभिमान को शान समझ लेते, वह निर्मान नहीं रह सकते। ओम् शांति ।