Friday, April 24, 2015

मुरली 25 अप्रैल 2015

“मीठे बच्चे - बेहद बाप के साथ व़फादार रहो तो पूरी माइट मिलेगी, माया पर जीत होती जायेगी” प्रश्न:- बाप के पास मुख्य अथॉरिटी कौन-सी है? उसकी निशानी क्या है? उत्तर:- बाप के पास मुख्य है ज्ञान की अथॉरिटी। ज्ञान सागर है इसलिए तुम बच्चों को पढ़ाई पढ़ाते हैं। आप समान नॉलेजफुल बनाते हैं। तुम्हारे पास पढ़ाई की एम ऑब्जेक्ट है। पढ़ाई से ही तुम ऊंच पद पाते हो। गीतः- बदल जाए दुनिया........ धारणा के लिए मुख्य सार :- 1) खाने पीने की छी-छी तमन्नाओं को छोड़ देही-अभिमानी बन सर्विस करनी है। याद से माइट (शक्ति) ले निर्भय और अडोल अवस्था बनानी है। 2) जो पढ़ाई में तीखे होशियार हैं, उनका रिगार्ड रखना है। जो भटक रहे हैं, उनको रास्ता बताने की युक्ति रचनी है। सबका कल्याण करना है। वरदान:- श्रेष्ठ वेला के आधार पर सर्व प्राप्तियों के अधिकार का अनुभव करने वाले पदमापदम भाग्यशाली भव! जो श्रेष्ठ वेला में जन्म लेने वाले भाग्यशाली बच्चे हैं, वह कल्प पहले की टचिंग के आधार पर जन्मते ही अपने पन का अनुभव करते हैं। वह जन्मते ही सर्व प्रापर्टी के अधिकारी होते हैं। जैसे बीज में सारे वृक्ष का सार समाया हुआ है ऐसे नम्बरवन वेला वाली आत्मायें सर्व स्वरूप की प्राप्ति के खजाने के आते ही अनुभवी बन जाते हैं। वे कभी ऐसे नहीं कहेंगे कि सुख का अनुभव होता, शान्ति का नहीं, शान्ति का होता सुख का व शक्ति का नहीं। सर्व अनुभवों से सम्पन्न होते हैं। स्लोगन:- अपने प्रसन्नता की छाया से शीतलता का अनुभव कराने के लिए निर्मल और निर्मान बनो। ओम् शांति ।