Tuesday, February 24, 2015

मुरली 24 फरवरी 2015

“मीठे बच्चे - तुम्हारी फर्ज- अदाई है घर-घर में बाप का पैगाम देना, कोई भी हालत में युक्ति रचकर बाप का परिचय हरेक को अवश्य दो”    प्रश्न:-     तुम बच्चों को किस एक बात का शौक रहना चाहिए? उत्तर:- जो नई-नई प्याइंटस निकलती हैं, उनको अपने पास नोट करने का शौक रहना चाहिए क्योंकि इतनी सब प्याइंटस याद रहना मुश्किल है । नोट्स लेकर फिर कोई को समझाना है । ऐसे भी नहीं कि लिखकर फिर कॉपी पड़ी रहे । जो बच्चे अच्छी रीति समझते हैं उन्हें नोट्स लेने का बहुत शौक रहता है । गीत : - लाख जमाने वाले.. धारणा के लिए मुख्य सार:- 1. सदा खुशी रहे कि हम सट धर्म की स्थापना के निमित्त हैं । स्वयं भगवान हमें पढ़ाते हैं । हमारा देवी देवता धर्म बहुत सुख देने वाला है । 2. माली बन काँटों को फूल बनाने की सेवा करनी है । पूरी परवरिश कर फिर बाप के सामने लाना है । मेहनत करनी है । वरदान:- स्नेह की गोद में आन्तरिक सुख व सर्व शक्तियों का अनुभव करने वाले यथार्थ पुरुषार्थी भव !    जो यथार्थ पुरूषार्थी हैं वे कभी मेहनत वा थकावट का अनुभव नहीं करते, सदा मोहब्बत में मस्त रहते हैं । वे संकल्प से भी सरेन्डर होने के कारण अनुभव करते कि हमें बापदादा चला रहे हैं, मेहनत के पांव से नहीं लेकिन स्नेह की गोदी में चल रहे हैं, स्नेह की गोद में सर्व प्राप्तियों की अनुभूति होने के कारण वह चलते नहीं लेकिन सदा खुशी में, आन्तरिक सुख में, सर्व शक्तियों के अनुभव में उड़ते रहते हैं । स्लोगन:-  निश्चय रूपी फाउण्डेशन पक्का है तो श्रेष्ठ जीवन का अनुभव स्वत: होता है ।    ओम् शांति |