Sunday, February 15, 2015
मुरली 15 फरवरी 2015
“'बाप से, सेवा से और परिवार से मुहब्बत रखो तो मेहनत से छूट जायेंगे”
वरदान:-
एक सेकण्ड की बाजी से सारे कल्प की तकदीर बनाने वाले श्रेष्ठ तकदीरवान भव !
इस संगम के समय को वरदान मिला है जो चाहे, जैसा चाहे, जितना चाहे उतना भाग्य बना सकते हैं । क्योंकि भाग्य विधाता बाप ने तकदीर बनाने की चाबी बच्चों के हाथ में दी है । लास्ट वाला भी फास्ट जाकर फर्स्ट आ सकता है । सिर्फ सेवाओं के विस्तार में स्वयं की स्थिति सेकण्ड में सार स्वरूप बनाने का अभ्यास करो । अभी- अभी डायरेक्शन मिले एक सेकण्ड में मास्टर बीज हो जाओ तो टाइम न लगे । इस एक सेकण्ड की बाजी से सारे कल्प की तकदीर बना सकते हैं ।
स्लोगन:-
डबल सेवा द्वारा पावरफुल वायुमण्डल बनओ तो प्रकृति दासी बन जायेगी ।
ओम् शांति |