Saturday, February 7, 2015

मुरली 08 फरवरी 2015

“मनन-शक्ति ही माया जीत बनने का साधन” वरदान:- शुद्ध संकल्प के व्रत द्वारा वृत्ति का परिवर्तन करने वाले दिलतख्तनशीन भव !    बापदादा का दिलतख्त इतना प्योर है जो इस तख्त पर सदा प्योर आत्मायें ही बैठ सकती हैं । जिनके संकल्प में भी अपवित्रता या अमर्यादा आ जाती है वो तख्तनशीन के बजाए गिरती कला में नीचे आ जाते हैं इसलिए पहले शुद्ध संकल्प के व्रत द्वारा अपनी वृत्ति का परिवर्तन करो । वृत्ति परिवर्तन से भविष्य जीवन रूपी सृष्टि बदल जायेगी । शुद्ध संकल्प व दृढ़ संकल्प के व्रत का प्रत्यक्षफल है ही सदाकाल के लिए बापदादा का दिलतख्त । स्लोगन:-  जहाँ सर्वशक्तियां साथ हैं वहाँ निर्विघ्न सफलता है ही ।      ओम् शांति |