Saturday, November 29, 2014

Murli-29/11/2014-Hindi

हिंदी मुरली 29-11-14 सार:- “मीठे बच्चे - तुम्हारी याद बहुत वंडरफुल है क्योंकि तुम एक साथ ही बाप, टीचर और सतगुरू तीनों को याद करते हो” प्रश्न:- किसी भी बच्चे को माया जब मगरूर बनाती है तो किस बात की डोंटकेयर करते हैं? उत्तर:- मगरूर बच्चे देह- अभिमान में आकर मुरली को डोंट-केयर करते हैं, कहावत है ना-चूहे को हल्दी की गांठ मिली, समझा मैं पसारी हूँ... । बहुत हैं जो मुरली पढ़ते ही नहीं, कह देते हैं हमारा तो डायरेक्ट शिवबाबा से कनेक्शन हैं । बाबा कहते बच्चे मुरली में तो नई-नई बातें निकलती हैं इसलिए मुरली कभी मिस नहीं करना, इस पर बहुत अटेंशन रहे । धारणा के लिए मुख्य सार:- 1. विनाशी नशे को छोड़ अलौकिक नशा रहे कि हम अभी वर्थ नाट पेनी से वर्थ पाउण्ड बन रहे हैं । स्वयं भगवान् हमें पढ़ाते हैं, हमारी पढ़ाई अनकॉमन है । 2. आस्तिक बन बाप का शो करने वाली सर्विस करनी है । कभी भी मगरूर बन मुरली मिस नहीं करनी है । वरदान:- हर आत्मा के सम्बन्ध सम्पर्क में आते सबको दान देने वाले महादानी, वरदानी भव ! सारे दिन में जो भी सम्बन्ध-सम्पर्क में आये उसे कोई न कोई शक्ति का, ज्ञान का, गुण का दान दो । आपके पास ज्ञान का भी खजाना है, तो शक्तियों और गुणों का भी खजाना है । तो कोई भी दिन बिना दान दिये खाली न जाए तब कहेंगे महादानी । 2 - दान शब्द का रूहानी अर्थ है सहयोग देना । तो अपनी श्रेष्ठ स्थिति के वायुमण्डल द्वारा और अपनी वृत्ति के वायब्रेशन्स द्वारा हर आत्मा को सहयोग दो तब कहेंगे वरदानी । स्लोगन:- जो बापदादा और परिवार के समीप हैं उनके चेहरे पर सन्तुष्टता, रूहानियत और प्रसन्नता की मुस्कराहट रहती है । Om Shanti 💗▫💗▫💗💗▫💗▫💗