Sunday, November 23, 2014

Murli-24/11/2014-Hindi

24-11-14 प्रातः मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे - ड्रामा की श्रेष्ठ नॉलेज तुम बच्चों के पास ही है, तुम जानते हो यह ड्रामा हूबहू रिपीट होता है” प्रश्न:- प्रवृत्ति वाले बाबा से कौन-सा प्रश्र पूछते हैं, बाबा उन्हें क्या राय देते हैं? उत्तर:- कई बच्चे पूछते हैं - बाबा हम धन्धा करें? बाबा कहते - बच्चे, धन्धा भल करो लेकिन रॉयल धन्धा करो । ब्राह्मण बच्चे छी-छी धन्धा शराब, सिगरेट, बीड़ी आदि का नहीं कर सकते क्योंकि इनसे और ही विकारों की खींच होती है । ओम् शान्ति | अच्छा । मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमॉर्निंग । रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते । धारणा के लिए मुख्य सार:- 1. अविनाशी ज्ञान रत्नों का धन्धा कर 21 जन्मों के लिए पद्मापद्म भाग्यशाली बनना है । अपनी जांच करनी है-हमारे में कोई आसुरी गुण तो नहीं हैं? हम ऐसा कोई धन्धा तो नहीं करते जिससे विकारों की उत्पत्ति हो? 2. याद की यात्रा में रह सारी सृष्टि को सद्गति में पहुँचाना है । एक सतगुरू बाप की श्रीमत पर चल आप समान बनाने की सेवा करनी है । ध्यान रहे-माया कभी कला रहित न बना दे । वरदान:- तूफान को तोहफा (गिफ्ट) समझ सहज क्रास करने वाले सम्पूर्ण और सम्पन्न भव ! जब सभी का लक्ष्य सम्पूर्ण और सम्पन्न बनने का है तो छोटी-छोटी बातों में घबराओ नहीं । मूर्ति बन रहे हो तो कुछ हेमर तो लगेंगे ही । जो जितना आगे होता है उसको तूफान भी सबसे ज्यादा क्रास करने होते हैं लेकिन वो तूफान उन्हों को तूफान नहीं लगता, तोहफा लगता है । यह तूफान भी अनुभवी बनने की गिफ्ट बन जाते हैं इसलिए विघ्नों को वेलकम करो और अनुभवी बनते आगे बढ़ते चलो । स्लोगन:- अलबेलेपन को समाप्त करना है तो स्वचिन्तन में रहते हुए स्व की चेकिंग करो । ओम् शान्ति | 