Saturday, November 22, 2014
Murli-22/11/2014-Hindi
प्रातः मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन
“मीठे बच्चे - अपनी खामियां निकालनी हैं तो सच्चे दिल से बाप को सुनाओ, बाबा तुम्हें कमियों को निकालने की युक्ति बतायेंगे”
प्रश्न:-
बाप की करेंट किन बच्चों को मिलती है?
उत्तर:-
जो बच्चे ईमानदारी से सर्जन को अपनी बीमारी सुना देते हैं, बाबा उन्हें दृष्टि देता । बाबा को उन बच्चों पर बहुत तरस पड़ता है । अन्दर में आता इस बच्चे का यह भूत निकल जाये । बाबा उन्हें करेंट देता है ।
ओम् शान्ति |
अच्छा!
मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमॉर्निंग । रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते ।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1. कम से कम 8 घण्टा बाप से रूहरिहान कर बड़ी ठण्डाई वा नम्रता से रूहानी सर्विस करनी है । सर्विस में सक्सेस होने के लिए अन्दर में कोई भी माया का भूत न हो ।
2. अपने आपसे बातें करनी है कि यह जो कुछ हम देखते हैं यह सब विनाश होना है, हम अपने घर जाएंगे फिर सुखधाम में आएंगे ।
वरदान:-
दृढ़ संकल्प रूपी व्रत द्वारा वृत्तियों का परिवर्तन करने वाले महान आत्मा भव !
महान बनने का मुख्य आधार है ' 'पवित्रता' ' । इस पवित्रता के व्रत को प्रतिज्ञा के रूप में धारण करना अर्थात् महान आत्मा बनना । कोई भी दृढ़ संकल्प रूपी व्रत वृत्ति को बदल देता है । पवित्रता का व्रत लेना अर्थात् अपनी वृत्ति को श्रेष्ठ बनाना । व्रत रखना अर्थात् स्थूल रीति से परहेज करना, मन में पक्का संकल्प लेना । तो पावन बनने का व्रत लिया और हम आत्मा भाई- भाई हैं - यह ब्रदरहुड की वृत्ति बनाई । इसी वृत्ति से ब्राह्मण महान आत्मा बन गये ।
स्लोगन:-
व्यर्थ से बचना है तो मुख पर दृढ़ संकल्प का बटन लगा दो ।
ओम् शान्ति |
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