Wednesday, October 1, 2014

Murli-(28-09-2014)-Hindi

28-09-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ’अव्यक्त-बापदादा“ रिवाइज:21-12-78 मधुबन 
हर कल्प की अति समीप आत्माओं का रूप, रेखा और वेला 


वरदान:- साक्षी स्थिति में स्थित हो परिस्थितियों के खेल को देखने वाले सन्तोषी आत्मा भव 

कैसी भी हिलाने वाली परिस्थिति हो लेकिन साक्षी स्थिति में स्थित हो जाओ तो अनुभव 
करेंगे जैसे पपेट शो (कठपुतली का खेल) है। रीयल नहीं है। अपनी शान में रहते हुए खेल 
को देखो। संगमयुग का श्रेष्ठ शान है सन्तुष्टमणी बनना वा सन्तोषी होकर रहना। इस शान 
में रहने वाली आत्मा परेशान नहीं हो सकती। संगमयुग पर बापदादा की विशेष देन सन्तुष्टता है। 

स्लोगन:- ऐसे खुशनुम: बनो जो मन की खुशी सूरत से स्पष्ट दिखाई दे।