मीठे बच्चे - बुद्धि को रिफाइन बनाना है तो एक बाप की याद में रहो, याद से ही
प्रश्न:- वर्तमान समय मनुष्य अपना टाइम व मनी वेस्ट कैसे कर रहे हैं?
उत्तर:- जब कोई शरीर छोड़ता है तो उनके पीछे कितना पैसा आदि खर्च करते
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) विश्व की बादशाही देने वाले बाप का बहुत-बहुत रिगार्ड रखना है। बाप की
2) बाप से जो ज्ञान मिलता है उस पर विचार सागर मंथन करना है। कभी भी
वरदान:- योग करने और कराने की योग्यता के साथ-साथ प्रयोगी आत्मा भव
बापदादा ने देखा बच्चे योग करने और कराने दोनों में होशियार हैं। तो जैसे योग
स्लोगन:- अनुभवी आत्मायें कभी वायुमण्डल वा संग के रंग में नहीं आ सकती।
आत्मा स्वच्छ बनती जायेगी''
प्रश्न:- वर्तमान समय मनुष्य अपना टाइम व मनी वेस्ट कैसे कर रहे हैं?
उत्तर:- जब कोई शरीर छोड़ता है तो उनके पीछे कितना पैसा आदि खर्च करते
रहते हैं। जब शरीर छोड़कर चला गया तो उसकी कोई वैल्यु तो रही नहीं, इसलिए
उसके पिछाड़ी जो कुछ करते हैं उसमें अपना टाइम और मनी वेस्ट करते हैं।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) विश्व की बादशाही देने वाले बाप का बहुत-बहुत रिगार्ड रखना है। बाप की
सर्विस में अपनी जीवन सफल करनी है, पढ़ाई पर पूरा-पूरा ध्यान देना है।
2) बाप से जो ज्ञान मिलता है उस पर विचार सागर मंथन करना है। कभी भी
विघ्न रूप नहीं बनना है। डिस-सर्विस नहीं करनी है। अहंकार में नहीं आना है।
वरदान:- योग करने और कराने की योग्यता के साथ-साथ प्रयोगी आत्मा भव
बापदादा ने देखा बच्चे योग करने और कराने दोनों में होशियार हैं। तो जैसे योग
करने-कराने में योग्य हो, ऐसे प्रयोग करने में योग्य बनो और बनाओ। अभी
प्रयोगी जीवन की आवश्यकता है। सबसे पहले चेक करो कि अपने संस्कार
परिवर्तन में कहाँ तक प्रयोगी बने हैं? क्योंकि श्रेष्ठ संस्कार ही श्रेष्ठ संसार के
रचना की नींव हैं। अगर नींव मजबूत है तो अन्य सब बातें स्वत: मजबूत
हुई पड़ी हैं।
स्लोगन:- अनुभवी आत्मायें कभी वायुमण्डल वा संग के रंग में नहीं आ सकती।