मुरली सार:- “मीठे बच्चे - याद के साथ-साथ पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान देना है, याद से पावन
प्रश्न:- स्कॉलरशिप लेने के लिए कौन-सा पुरूषार्थ ज़रूरी है?
उत्तर:- स्कॉलरशिप लेनी है तो सब चीज़ों से ममत्व निकाल दो। धन, बच्चे, घर आदि कुछ
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अपने दिमाग को अच्छा बनाने के लिए रोज़ ज्ञान अमृत का डोज़ चढ़ाना है। याद के
2) हम ऊंचे ते ऊंचे कुल के हैं, स्वयं भगवान् हमें पढ़ाता है, इसी नशे में रहना है। ज्ञान धारण
वरदान:- तेरे मेरे की हलचल को समाप्त कर रहम की भावना इमर्ज करने वाले मर्सीफुल भव
समय प्रति समय कितनी आत्मायें दु:ख की लहर में आती हैं। प्रकृति की थोड़ी भी हलचल
स्लोगन:- देह, देह की पुरानी दुनिया और सम्बन्धों से ऊपर उड़ने वाले ही इन्द्रप्रस्थ निवासी हैं।
बनेंगे और पढ़ाई से विश्व का मलिक बनेंगे”
प्रश्न:- स्कॉलरशिप लेने के लिए कौन-सा पुरूषार्थ ज़रूरी है?
उत्तर:- स्कॉलरशिप लेनी है तो सब चीज़ों से ममत्व निकाल दो। धन, बच्चे, घर आदि कुछ
भी याद न आये। शिवबाबा ही याद हो, पूरा स्वाहा, तब ऊंच पद की प्राप्ति होगी। बुद्धि में यह
नशा रहना चाहिए कि हम कितना बड़ा इम्तहान पास करते हैं। हमारी कितनी बड़ी पढ़ाई है
और पढ़ाने वाला स्वयं दु:ख हर्ता सुख कर्ता बाप है, वह मोस्ट बिलवेड बाबा हमें पढ़ा रहे हैं।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) अपने दिमाग को अच्छा बनाने के लिए रोज़ ज्ञान अमृत का डोज़ चढ़ाना है। याद के
साथ-साथ पढ़ाई पर भी पूरा-पूरा ध्यान अवश्य देना है क्योंकि पढ़ाई से ही ऊंच पद मिलता है।
2) हम ऊंचे ते ऊंचे कुल के हैं, स्वयं भगवान् हमें पढ़ाता है, इसी नशे में रहना है। ज्ञान धारण
कर ईश्वरीय सेवा में लग जाना है।
वरदान:- तेरे मेरे की हलचल को समाप्त कर रहम की भावना इमर्ज करने वाले मर्सीफुल भव
समय प्रति समय कितनी आत्मायें दु:ख की लहर में आती हैं। प्रकृति की थोड़ी भी हलचल
होती है, आपदायें आती हैं तो अनेक आत्मायें तड़पती हैं, मर्सी, रहम मांगती हैं। तो ऐसी
आत्माओं की पुकार सुन रहम की भावना इमर्ज करो। पूज्य स्वरूप, मर्सीफुल का धारण करो।
स्वयं को सम्पन्न बना लो तो यह दु:ख की दुनिया सम्पन्न हो जाए। अभी परिवर्तन के शुभ
भावना की लहर तीव्रगति से फैलाओ तो तेरे मेरे की हलचल समाप्त हो जायेगी।
स्लोगन:- देह, देह की पुरानी दुनिया और सम्बन्धों से ऊपर उड़ने वाले ही इन्द्रप्रस्थ निवासी हैं।