27-04-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज़:25-06-77 मधुबन
पवित्रता की सम्पूर्ण स्टेज
वरदान:- बाप और वरदाता इस डबल सम्बन्ध से डबल प्राप्ति करने वाले सदा शक्तिशाली आत्मा भव
सर्व शक्तियां बाप का वर्सा और वरदाता का वरदान हैं। बाप और वरदाता - इस डबल संबंध से हर
स्लोगन:- देह और देह के साथ पुराने स्वभाव, संस्कार वा कमजोरियों से न्यारा होना ही
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वरदान:- बाप और वरदाता इस डबल सम्बन्ध से डबल प्राप्ति करने वाले सदा शक्तिशाली आत्मा भव
सर्व शक्तियां बाप का वर्सा और वरदाता का वरदान हैं। बाप और वरदाता - इस डबल संबंध से हर
एक बच्चे को यह श्रेष्ठ प्राप्ति जन्म से ही होती है। जन्म से ही बाप बालक सो सर्व शक्तियों का
मालिक बना देता है। साथ-साथ वरदाता के नाते से जन्म होते ही मास्टर सर्वशक्तिवान बनाए
``सर्वशक्ति भव'' का वरदान दे देता है। तो एक द्वारा यह डबल अधिकार मिलने से सदा
शक्तिशाली बन जाते हो।
स्लोगन:- देह और देह के साथ पुराने स्वभाव, संस्कार वा कमजोरियों से न्यारा होना ही
विदेही बनना है।