09-03-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:14-06-77 मधुबन
देश और विदेश का सैर-समाचार
वरदान:- सदा एक बाप के स्नेह में समाई हुई सहयोगी सो सहजयोगी आत्मा भव
जिन बच्चों का बाप से अति स्नेह है, वह स्नेही आत्मा सदा बाप के श्रेष्ठ कार्य में सहयोगी
स्लोगन:- प्रेम के आंसू दिल की डिब्बी में मोती बन जाते हैं।
देश और विदेश का सैर-समाचार
वरदान:- सदा एक बाप के स्नेह में समाई हुई सहयोगी सो सहजयोगी आत्मा भव
जिन बच्चों का बाप से अति स्नेह है, वह स्नेही आत्मा सदा बाप के श्रेष्ठ कार्य में सहयोगी
होगी और जो जितना सहयोगी उतना सहजयोगी बन जाता है। बाप के स्नेह में समाई हुई
सहयोगी आत्मा कभी माया की सहयोगी नहीं हो सकती। उनके हर संकल्प में बाबा और
सेवा रहती इसलिए नींद भी करेंगे तो उसमें बड़ा आराम मिलेगा, शान्ति और शक्ति मिलेगी।
नींद, नींद नहीं होगी, जैसे कमाई करके खुशी में लेटे हैं, इतना परिवर्तन हो जाता है।
स्लोगन:- प्रेम के आंसू दिल की डिब्बी में मोती बन जाते हैं।