Thursday, March 20, 2014

Murli-[20-3-2014]-Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - तुम्हें शरीर सहित सब चीज़ों से ममत्व निकालना है, जब तुम आत्मा 
पावन कर्मातीत बन जायेंगी तब घर में जा सकेंगी'' 

प्रश्न:- आत्मा को किस बात से बहुत डर लगता है और वह डर क्यों? 
उत्तर:- आत्मा को शरीर छोड़ने से बहुत डर लगता है क्योंकि उसका शरीर में ममत्व हो गया है। अगर 
कोई दु:ख के कारण शरीर छोड़ना भी चाहता है तो भी उसे पाप-कर्मों की सजा तो भोगनी ही पड़ती है। 
संगम पर तुम बच्चों को कोई भी डर नहीं। तुम्हें और ही खुशी है कि हम पुराना शरीर छोड़ बाबा के पास जायेंगे। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) पावन बन बाप के साथ घर जाने के लिए इस 5 तत्वों के पुतले से ममत्व नहीं रखना है। 
शरीर छोड़ने का डर निकाल देना है। 

2) याद की यात्रा का चार्ट बड़ी खबरदारी से बढ़ाते रहना है। योगबल से आत्मा को पावन बनाए, 
कर्मातीत बन ईश्वरीय लॉटरी को विन करना है। 

वरदान:- सेवा द्वारा खुशी, शक्ति और सर्व की आशीर्वाद प्राप्त करने वाली पुण्य आत्मा भव 

सेवा का प्रत्यक्षफल - खुशी और शक्ति मिलती है। सेवा करते आत्माओं को बाप के वर्से का अधिकारी 
बना देना - यह पुण्य का काम है। जो पुण्य करता है उसको आशीर्वाद जरूर मिलती है। सभी आत्माओं 
के दिल में जो खुशी के संकल्प पैदा होते, वह शुभ संकल्प आशीर्वाद बन जाते हैं और भविष्य भी जमा 
हो जाता है इसलिए सदा अपने को सेवाधारी समझ सेवा का अविनाशी फल खुशी और शक्ति सदा लेते रहो। 

स्लोगन:- मन्सा-वाचा की शक्ति से विघ्न का पर्दा हटा दो तो अन्दर कल्याण का दृश्य दिखाई दे।