Sunday, March 2, 2014

Murli-[2-3-2014]-Hindi

02-03-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:12-06-77 मधुबन 
कमल पुष्प समान स्थिति ही ब्राह्मण जीवन का श्रेष्ठ आसन है 


वरदान:- हद की कामनाओं से मुक्त रह सर्व प्रश्नों से पार रहने वाले सदा प्रसन्नचित भव 

जो बच्चे हद की कामनाओं से मुक्त रहते हैं उनके चेहरे पर प्रसन्नता की झलक दिखाई देती है। 
प्रसन्नचित कोई भी बात में प्रश्न-चित नहीं होते। वो सदा नि:स्वार्थ और सदा सभी को निर्दोष 
अनुभव करेंगे, किसी और के ऊपर दोष नहीं रखेंगे। चाहे कोई भी परिस्थिति आ जाए, चाहे 
कोई आत्मा हिसाब-किताब चुक्तू करने वाली सामना करने आती रहे, चाहे शरीर का कर्मभोग 
सामना करने आता रहे लेकिन सन्तुष्टता के कारण वे सदा प्रसन्नचित रहेंगे। 

स्लोगन:- व्यर्थ की चेकिंग अटेन्शन से करो, अलबेले रूप में नहीं।