Monday, March 17, 2014

Murli-[17-3-2014]-Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - बाप की सकाश लेने के लिए खुशबूदार फूल बनो, सवेरे-सवेरे उठकर 
याद में बैठ प्यार से बाबा से मीठी-मीठी बातें करो'' 

प्रश्न:- बाप को सब बच्चे नम्बरवार याद करते हैं लेकिन बाप किन बच्चों को याद करते हैं? 
उत्तर:- जो बच्चे बहुत मीठे हैं, जिन्हें सर्विस के बिना और कुछ सूझता ही नहीं। जो अति प्रेम से 
बाप को याद करते, खुशी में प्रेम के आंसू बहाते। ऐसे बच्चों को बाप भी याद करते हैं। बाप की 
नज़र फूलों तरफ जाती है, कहेंगे फलानी आत्मा बड़ी अच्छी है, यह आत्मा जहाँ सर्विस देखती, 
भागती रहती है, अनेकों का कल्याण करती है। तो बाप उसे याद करते हैं। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1. सदा खुशी में डांस करने के लिए सच्चे बाप से सदा सच्चा रहना है। कुछ भी छिपाना नहीं है। 

2. बाप जो अविनाशी रत्न देते हैं, वह सबको बांटने हैं। साथ-साथ शिवबाबा को अपना वारिस 
बनाकर सब कुछ सफल करना है। इसमें मनहूस नहीं बनना है। 

वरदान:- बीती हुई बातों वा वृत्तियों को समाप्त कर सम्पूर्ण सफलता प्राप्त करने वाली स्वच्छ आत्मा भव 

सेवा में स्वच्छ बुद्धि, स्वच्छ वृत्ति और स्वच्छ कर्म सफलता का सहज आधार है। कोई भी सेवा का 
कार्य जब आरम्भ करते हो तो पहले चेक करो कि बुद्धि में किसी आत्मा की बीती हुई बातों की स्मृति 
तो नहीं है। उसी वृत्ति, दृष्टि से उनको देखना, उनसे बोलना... इससे सम्पूर्ण सफलता नहीं हो सकती। 
इसलिए बीती हुई बातों को वा वृत्तियों को समाप्त कर स्वच्छ आत्मा बनो तब ही सम्पूर्ण सफलता प्राप्त होगी। 

स्लोगन:- जो स्व परिवर्तन करता है - विजय माला उसी के गले में पड़ती है।