Monday, March 10, 2014

Murli-[10-3-2014]-Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - यह कल्याणकारी पुरूषोत्तम संगमयुग है, इसमें पुरानी दुनिया बदल 
नई होती है, इस युग को तुम भूलो मत'' 

प्रश्न:- बाप छोटे-बड़े सभी बच्चों को आप समान बनाने के लिए एक प्यार की शिक्षा देते हैं, वह कौन-सी?
उत्तर:- मीठे बच्चे - अब भूलें मत करो। यहाँ तुम आये हो नर से नारायण बनने तो दैवीगुण धारण करो। 
किसी को भी दु:ख मत दो। भूलें करते हैं तो दु:ख देते हैं। बाप कभी बच्चों को दु:ख नहीं देते, वह तुम्हें 
डायरेक्शन देते हैं - बच्चे, मामेकम् याद करो। योगी बनो तो विकर्म विनाश हो जायेंगे। तुम बहुत मीठा 
बन जायेंगे। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) पवित्र बनने में महावीर बनना है, याद की यात्रा से अन्दर का किचड़ा निकालना है। अपने शान्त 
स्वधर्म में स्थित रहना है, अशान्ति नहीं फैलानी है। 

2) बाप जो राइट बात सुनाते हैं, वही सुननी है। हियर नो ईविल.... रांग बातें मत सुनो। सभी को सुजाग 
करो। पुरूषोत्तम युग में पुरूषोत्तम बनो और बनाओ। 

वरदान:- एक बाप को कम्पैनियन बनाने वा उसी कम्पनी में रहने वाले सम्पूर्ण पवित्र आत्मा भव 

सम्पूर्ण पवित्र आत्मा वह है जिसके संकल्प और स्वप्न में भी ब्रह्मचर्य की धारणा हो, जो हर कदम में 
ब्रह्मा बाप के आचरण पर चलने वाला हो। पवित्रता का अर्थ है - सदा बाप को कम्पैनियन बनाना और 
बाप की कम्पनी में ही रहना। संगठन की कम्पनी, परिवार के स्नेह की मर्यादा अलग चीज है, लेकिन 
बाप के कारण ही यह संगठन के स्नेह की कम्पनी है, बाप नहीं होता तो परिवार कहाँ से आता। बाप 
बीज है, बीज को कभी नहीं भूलना। 

स्लोगन:- किसी के प्रभाव में प्रभावित होने वाले नहीं, ज्ञान का प्रभाव डालने वाले बनो।