Sunday, September 22, 2013

Murli[22-09-2013]-Hindi

22-09-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:05-05-77 मधुबन 

वरदानी, महादानी और दानी आत्माओं के लक्षण 

वरदान:- याद और सेवा द्वारा सब चक्करों को समाप्त कर शमा पर फिदा होने वाले सच्चे परवाने भव 

जो बच्चे याद और सेवा में सदा बिजी रहते हैं वह सभी चक्करों से सहज ही मुक्त हो जाते हैं। 
कोई भी चक्र रहा हुआ होगा तो चक्कर ही लगाते रहेंगे। कभी सम्बन्धों का चक्कर, कभी 
अपने स्वभाव संस्कार का चक्कर, ऐसे व्यर्थ के सभी चक्कर समाप्त तब होंगे जब बुद्धि में 
सिवाए शमा के और कुछ भी न हो। शमा पर फिदा होने वाले शमा के समान बन जाते हैं। 
ऐसे फिदा होने वाले अर्थात् समा जाने वाले ही सच्चे परवाने हैं। 

स्लोगन:- जो सच्चे पारस बने हैं उनके संग में लोहे सदृश्य आत्मायें भी सोना बन जाती हैं।