मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - कर्म, अकर्म, विकर्म की गति को ध्यान में रखते हुए इन कर्मेन्द्रियों
गीत:- बचपन के दिन भुला न देना.....
धारणा के लिए मुख्य सार :-
1) ईश्वरीय जन्म ले कोई भी अकर्तव्य नहीं करना है। सपूत बच्चा बनना है। अवगुण निकाल
2) खुदाई खिदमतगार बन रूहानी सेवा से सबको आप समान बनाना है। तीन पैर पृथ्वी लेकर रूहानी
वरदान:- सर्व योग्यताओं द्वारा स्वयं को वैल्युबुल बनाने वाले बेफिकर बादशाह भव
बाप स्वयं बच्चों को आफर करते हैं - बच्चे योग्य राइट हैण्ड बनो, योग्य सेवाधारी बनो। जो योग्य होता
स्लोगन:- एकरस स्थिति का अनुभव करना है तो एक बाप द्वारा सर्व रसों की अनुभूति करो।
से कोई भी पाप कर्म नहीं करना, दे दान तो छूटे ग्रहण''
प्रश्न:- किस बात में ब्रह्मा बाप को फालो करने वाले बच्चे भविष्य में तख्तनशीन बनते हैं?
उत्तर:- जैसे ब्रह्मा बाप देह सहित पूरा बलि चढ़े, अपना सब कुछ ईश्वर अर्थ बच्चों की सेवा में लगा
उत्तर:- जैसे ब्रह्मा बाप देह सहित पूरा बलि चढ़े, अपना सब कुछ ईश्वर अर्थ बच्चों की सेवा में लगा
दिया, डायरेक्ट इनश्योर किया इसलिए विश्व की राजाई मिली, ऐसे ही फालो फादर। सपूत बनने
का सर्टाफिकेट लेना है। सगे बन तन-मन-धन से सेवा करनी है। बाप का पूरा मददगार बनना है।
सब कुछ इनश्योर कर 21 जन्मों की राजाई का हकदार बन सकते हो।
गीत:- बचपन के दिन भुला न देना.....
धारणा के लिए मुख्य सार :-
1) ईश्वरीय जन्म ले कोई भी अकर्तव्य नहीं करना है। सपूत बच्चा बनना है। अवगुण निकाल
देवताई गुण धारण करने हैं।
2) खुदाई खिदमतगार बन रूहानी सेवा से सबको आप समान बनाना है। तीन पैर पृथ्वी लेकर रूहानी
हॉस्पिटल वा कॉलेज खोल देना है। तन-मन-धन से पूरा मददगार बनना है।
वरदान:- सर्व योग्यताओं द्वारा स्वयं को वैल्युबुल बनाने वाले बेफिकर बादशाह भव
बाप स्वयं बच्चों को आफर करते हैं - बच्चे योग्य राइट हैण्ड बनो, योग्य सेवाधारी बनो। जो योग्य होता
है वह बेफिकर बादशाह होता है। चाहे स्थूल योग्यता, चाहे ज्ञान की योग्यता मनुष्य को वैल्युबुल बनाती है।
योग्यता नहीं तो वैल्यु नहीं रहती। रूहानी सेवा की योग्यता सबसे बड़ी है। ऐसी योग्य आत्मा को कोई भी
बात रोक नहीं सकती। योग्य बनना माना मेरा तो एक बाबा, बस और कोई बात बुद्धि में न हो।
स्लोगन:- एकरस स्थिति का अनुभव करना है तो एक बाप द्वारा सर्व रसों की अनुभूति करो।