11-08-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज: 26-04-77 मधुबन
स्वतन्त्रता ब्राह्मणों का जन्म-सिद्ध अधिकार है
वरदान:- हर एक को प्यार और शक्ति की पालना देने वाले प्यार के भण्डार से भरपूर भव
जो बच्चे जितना सभी को बाप का प्यार बांटते हैं उतना और प्यार का भण्डार भरपूर होता
स्लोगन:- जो मायावी चतुराई से परे रहते हैं वही बाप को अति प्रिय हैं।
स्वतन्त्रता ब्राह्मणों का जन्म-सिद्ध अधिकार है
वरदान:- हर एक को प्यार और शक्ति की पालना देने वाले प्यार के भण्डार से भरपूर भव
जो बच्चे जितना सभी को बाप का प्यार बांटते हैं उतना और प्यार का भण्डार भरपूर होता
जाता है। जैसे हर समय प्यार की बरसात हो रही है, ऐसे अनुभव होता है। एक कदम में
प्यार दो और बार-बार प्यार लो। इस समय सबको प्यार और शक्ति चाहिए, तो किसको
बाप द्वारा प्यार दिलाओ, किसको शक्ति ...जिससे उनका उमंग-उत्साह सदा बना रहे -
यही विशेष आत्माओं की विशेष सेवा है।
स्लोगन:- जो मायावी चतुराई से परे रहते हैं वही बाप को अति प्रिय हैं।