Wednesday, July 3, 2013

Murli [3-07-2013]-Hindi

मीठे बच्चे - ऊंच ते ऊंच पद पाना है तो याद की यात्रा में मस्त रहो - यही है रूहानी फाँसी, बुद्धि अपने घर में लटकी रहे'' 
प्रश्न:- जिनकी बुद्धि में ज्ञान की धारणा नहीं होती, उनकी निशानी क्या होगी? 
उत्तर:- वह छोटी-छोटी बातों में रंज (नाराज) होते रहेंगे। जिनकी बुद्धि में जितना ज्ञान धारण होगा उतनी उसे खुशी रहेगी। बुद्धि में अगर यह ज्ञान रहे कि अभी दुनिया को नीचे जाना ही है, इसमें नुकसान ही होना है, तो कभी रंज नहीं होंगे। सदा खुशी रहेगी। 

धारणा के लिए मुख्य सारः- 
1) तुम्हें बुद्धि से सब कुछ भूलना है। जिन बातों में टाइम वेस्ट होता है, वह सुनने-सुनाने की दरकार नहीं है। 
2) पढ़ाई के समय बुद्धियोग एक बाप से लगा रहे, कहाँ भी बुद्धि भटकनी नहीं चाहिए। निराकार बाप हमें पढ़ा रहे हैं, इस नशे में रहना है। 
वरदानः- मनमनाभव की विधि द्वारा बन्धनों के बीज को समाप्त करने वाले नष्टोमोहा स्मृति स्वरूप भव 
बन्धनों का बीज है संबंध। जब बाप के साथ सर्व सम्बन्ध जोड़ लिए तो और किसी में मोह कैसे हो सकता। बिना सम्बन्ध के मोह नहीं होता और मोह नहीं तो बंधन नहीं। जब बीज को ही खत्म कर दिया तो बिना बीज के वृक्ष कैसे पैदा होगा। यदि अभी तक बंधन है तो सिद्ध है कि कुछ तोड़ा है, कुछ जोड़ा है। इसलिए मनमनाभव की विधि से मन के बन्धनों से भी मुक्त नष्टोमोहा स्मृति स्वरूप बनो फिर यह शिकायतें समाप्त हो जायेंगी कि क्या करें बंधन है, कटता नहीं। 
स्लोगनः- ब्राह्मण जीवन का सांस उमंग-उत्साह है इसलिए किसी भी परिस्थिति में उमंग-उत्साह का प्रेशर कम न हो।