Sunday, July 21, 2013

Murli [21-07-2013]-Hindi

21-07-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:02-02-77 मधुबन 

सदा अलंकारी स्वरूप में स्थित रहने वाला ही स्वयं द्वारा, बाप का साक्षात्कार करा सकता है 

वरदान:- सेवा की भावना द्वारा अमर फल प्राप्त करने वाले सदा माया के रोग से मुक्त भव 

जो बच्चे संगमयुग पर प्रभू फल, अविनाशी फल, सर्व सम्बन्धों के स्नेह के रस वाला फल खाते हैं 
वे सदा ही माया के रोग से मुक्त रहते हैं। और फल तो सतयुग में भी मिलेंगे और कलियुग में भी 
मिलेंगे लेकिन सेवा की भावना का प्रत्यक्षफल, प्रभू फल अगर अभी नहीं खाया तो सारे कल्प में 
नहीं खा सकते। यह फल ईश्वरीय जादू का फल है, जिस फल को खाने से लोहे से पारस तो क्या 
लेकिन हीरा बन जाते हो। यह फल सर्व विघ्नों को समाप्त करने वाला अमर फल है। 

स्लोगन:- अपकारियों पर भी उपकार करने वाले, निदंक को भी मित्र समझने वाले ही बाप समान हैं।