Saturday, July 20, 2013

Murli [20-07-2013]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे-बच्चे-अर्थ सहित बाप को याद करने से ही तुम्हारे पाप नाश होंगे, आत्मा पतित से 
पावन बनेगी, नम्बरवन सब्जेक्ट है याद की'' 

प्रश्न:- मनुष्यों की अर्जी क्या है और बाप उस अर्जी को कैसे पूरा करते हैं? 
उत्तर:- मनुष्य बाप से अर्जी करते हैं-ओ गॉड फादर, हमें पापों से मुक्त करो, ओ रहमदिल बाबा, रहम करो। 
बाबा सभी की अर्जी सुनकर स्वयं आते हैं और पापों से मुक्त होने की युक्ति बताते हैं-बच्चे, तुम मुझे याद 
करो। सिर्फ बाप की महिमा गाने से कोई फ़ायदा नहीं, चरित्र गाने नहीं हैं लेकिन राजयोग सीखकर 
चरित्रवान बनना है। 

गीत:- भोलेनाथ से निराला........ 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 
1) ड्रामा के चक्र को यथार्थ रीति समझकर पुरुषार्थ करना है। बाप समान रहमदिल बन सभी पर रहम करना है। 

2) बाप सचखण्ड स्थापन कर रहे हैं इसलिए सच्चा होकर रहना है। बाप की याद से आत्मा को स्वच्छ बनाना है। 

वरदान:- बुद्धि द्वारा शुद्ध संकल्पों का भोजन स्वीकार करने वाले सदा स्वच्छ होलीहंस भव 

होलीहंस कभी भी बुद्धि द्वारा सिवाए ज्ञान के मोती के और कुछ भी स्वीकार नहीं कर सकते। ब्राह्मण आत्मायें 
जो ऊंच चोटी हैं वह कभी भी नीचे की बातें स्वीकार नहीं करती। होलीहंस अर्थात् सदा स्वच्छ, सदा पवित्र, 
पवित्रता ही स्वच्छता है। होलीहंस संकल्प भी अशुद्ध नहीं कर सकते। सदा शुद्व संकल्पों का भोजन खाने वाले 
होलीहंस सदा तन्दरूस्त रहते हैं। उन पर किसी का प्रभाव पड़ नहीं सकता। 

स्लोगन:- अपनी मन्सा द्वारा शान्ति कुण्ड को प्रत्यक्ष करने वाली शान्तप्रिय आत्मा बनो।