मुरली सार:- ''मीठे बच्चे-तुम्हारा यह जन्म बहुत ही अमूल्य है, क्योंकि बाप स्वयं इस समय तुम्हारी
प्रश्न:- जो अल्लाह को सृष्टि का रचयिता कहते हैं उनसे कौन-सा प्रश्न पूछना चाहिए?
उत्तर:- उनसे पूछो-जब अल्लाह ने सृष्टि रची तो रचना के लिये उन्हें फीमेल चाहिये, भला अल्लाह की
गीत:- किसने यह सब खेल रचाया........
धारणा के लिये मुख्य सार:-
1) गददी-नशीन पक्का वारिस बनने के लिये पवित्रता की प्रतिज्ञा कर सगा बच्चा बनना है,
2) आप समान बनाने की सेवा करनी है। कांटे से कली, कली से फूल बनना और बनाना है।
वरदान:- लौकिक वृत्ति दृष्टि का परिवर्तन कर अलौकिकता का अनुभव करने वाले ज्ञानी तू आत्मा भव
लौकिक सम्बन्धों में रहते हद के सम्बन्ध को न देख आत्मा को देखो। आत्मा देखने से या तो खुशी
स्लोगन:- अपने श्रेष्ठ कर्म से विश्व पिता का नाम बाला करना ही विश्व कल्याणकारी बनना है।
सेवा करते हैं, लक्ष्य सोप से तुम्हारे वस्त्र साफ करते हैं''
प्रश्न:- जो अल्लाह को सृष्टि का रचयिता कहते हैं उनसे कौन-सा प्रश्न पूछना चाहिए?
उत्तर:- उनसे पूछो-जब अल्लाह ने सृष्टि रची तो रचना के लिये उन्हें फीमेल चाहिये, भला अल्लाह की
फीमेल कौन? गॉड फादर कहते हो तो जरूर मदर भी चाहिये ना। तुम बच्चे इस गुह्य राज़ को अच्छी
तरह से जानते हो। अल्लाह की फीमेल है यह ब्रह्मा। यह है तुम्हारी बड़ी माँ। इस बात को मनुष्य समझ
नहीं सकते।
गीत:- किसने यह सब खेल रचाया........
धारणा के लिये मुख्य सार:-
1) गददी-नशीन पक्का वारिस बनने के लिये पवित्रता की प्रतिज्ञा कर सगा बच्चा बनना है,
और संग तोड़ एक संग जोड़ना है।
2) आप समान बनाने की सेवा करनी है। कांटे से कली, कली से फूल बनना और बनाना है।
नये झाड़ की कलम लगानी है।
वरदान:- लौकिक वृत्ति दृष्टि का परिवर्तन कर अलौकिकता का अनुभव करने वाले ज्ञानी तू आत्मा भव
लौकिक सम्बन्धों में रहते हद के सम्बन्ध को न देख आत्मा को देखो। आत्मा देखने से या तो खुशी
होगी या रहम आयेगा। यह आत्मा बेचारी परवश है, अज्ञान में है, अंजान है, मैं ज्ञानवान आत्मा हूँ
तो उस अंजान आत्मा पर रहम कर अपनी शुभ भावना से बदलकर दिखाऊंगी। अपनी वृत्ति और दृष्टि
को बदलना ही अलौकिक जीवन है, जो काम अज्ञानी करते वह आप ज्ञानी तू आत्मा नहीं कर सकते।
आपके संग का रंग उन्हें लगना चाहिए।
स्लोगन:- अपने श्रेष्ठ कर्म से विश्व पिता का नाम बाला करना ही विश्व कल्याणकारी बनना है।