23-06-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:22-01-77 मधुबन
स्वयं का परिवर्तन ही विश्व-परिवर्तन का आधार
वरदान:- अविनाशी सुहाग और भाग्य के तिलकधारी सो भविष्य के राज्य तिलकधारी भव
संगमयुग पर देवों के देव के सुहाग और परमात्म वा ईश्वरीय सन्तान के भाग्य का तिलक
स्लोगन:- सदा एक के स्नेह में समाये रहो, तो यह मुहब्बत मेहनत को समाप्त कर देगी।
स्वयं का परिवर्तन ही विश्व-परिवर्तन का आधार
वरदान:- अविनाशी सुहाग और भाग्य के तिलकधारी सो भविष्य के राज्य तिलकधारी भव
संगमयुग पर देवों के देव के सुहाग और परमात्म वा ईश्वरीय सन्तान के भाग्य का तिलक
प्राप्त होता है। यदि यह सुहाग और भाग्य का तिलक अविनाशी है, माया इस तिलक को
मिटाती नहीं है तो यहाँ के सुहाग और भाग्य के तिलकधारी सो भविष्य के राज्य तिलकधारी
बनते हैं। हर जन्म में राज्य तिलक का उत्सव होता है। राजा के साथ रॉयल फैमिली का भी
तिलक दिवस मनाया जाता है।
स्लोगन:- सदा एक के स्नेह में समाये रहो, तो यह मुहब्बत मेहनत को समाप्त कर देगी।