Friday, May 3, 2013

Murli [3-05-2013]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे-अपनी उन्नति के लिए अमृतवेले उठ बाप को याद करो, 
सवेरे का समय कमाई के लिए बहुत-बहुत अच्छा है'' 

प्रश्न:- सदा सलामत रहने का आधार क्या है? सदा सलामत किसे कहेंगे? 
उत्तर:- बाप की श्रीमत ही सदा सलामत बनाती है। कभी भी कोई दु:ख और तकलीफ़ 
नहीं होगी। तुम बच्चे इतने तकदीरवान बनते हो जो कभी किसी प्रकार की चोट नहीं 
लग सकती। निरोगी काया बन जायेगी। तुम अपनी तकदीर की महिमा गाते रहो। 
जो उठते-बैठते बाप की याद में रहते हैं-वह हैं तकदीरवान बच्चे। उन्हें ही सदा सलामत कहेंगे। 

गीत:- रात के राही... 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) बुद्धियोग से सच्ची यात्रा करनी है। विनाशी धन के पीछे अपनी तकदीर नहीं गंवानी है। 
सच्ची कमाई करनी है। 

2) तन-मन-धन से पूरा फ्लैन्थ्रोफिस्ट (महादानी) बनना है। अपना सब कुछ 21 जन्मों 
के लिए इन्श्योर कर देना है। 

वरदान:- वैरायटी अनुभूतियों द्वारा सदा उमंग-उत्साह से भरपूर रहने वाले विघ्न जीत भव 

रोज़ अमृतवेले सारे दिन के लिए वैरायटी उमंग-उत्साह की प्वाइंट्स बुद्धि में इमर्ज करो। हर 
दिन की मुरली से उमंग-उत्साह की प्वाइंट्स नोट करो, वह वैरायटी प्वाइंटस उमंग-उत्साह 
बढ़ायेंगी। मनुष्य आत्मा का नेचर है कि वैरायटी पसन्द आती है इसलिए चाहे ज्ञान की 
प्वाइंट मनन करो या रूहरिहान करो, वैरायटी रूप से जीरो बन अपने हीरो पार्ट की स्मृति 
में रहो, तो उमंग-उत्साह से भरपूर रहेंगे और सब विघ्न सहज समाप्त हो जायेंगे। 

स्लोगन:- अपनी अवस्था को ऐसा शान्त-चित बना लो जो क्रोध का भूत दूर से ही भाग जाए