Thursday, May 23, 2013

Murli [23-05-2013]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे-लक्ष्य सोप से आत्मा रूपी मैले कपड़े को साफ करो, 
पवित्रता के मैनर्स धारण करो और दूसरों को कराओ'' 

प्रश्न:- कौन-सी जादूगरी बहुत फर्स्टक्लास जादूगरी है-कैसे? 
उत्तर:- ईश्वरीय जादूगरी फर्स्टक्लास है क्योंकि इससे नर्कवासी से स्वर्गवासी 
बन जाते, पतित से पावन बन जाते। यह जादूगरी बाप ही सिखलाते हैं। बाबा 
कहते-बच्चे, सिर्फ फॉलो करो तो तुम राजाओं का राजा बन जायेंगे। आत्मा को 
पवित्र बनाओ तो शरीर भी पवित्र मिलेगा। पुराना तन-मन-धन इन्श्योर कर दो 
तो नया मिल जायेगा। ऐसा सौदा संगम पर बाप ही सिखलाते हैं। 

गीत:- आज अन्धेरे में है इन्सान... 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) अन्त मती सो गति के लिए पुरानी दुनिया से दिल हटाकर, अपना मुख मोड़ लेना है। 
अपने स्वीट होम को याद करना है। 

2) सौदागर बाप से सच्चा सौदा करना है। तन-मन-धन सब इन्श्योर कर फॉलो फादर करना है। 

वरदान:- सच्ची दिल से साहेब को राज़ी करने वाले राज़युक्त, युक्तियुक्त, योगयुक्त भव 

बापदादा का टाइटल दिलवाला, दिलाराम है। जो सच्ची दिल वाले बच्चे हैं उन पर साहेब 
राजी हो जाता है। दिल से बाप को याद करने वाले सहज ही बिन्दु रूप बन सकते हैं। 
वह बाप की विशेष दुआओं के पात्र बन जाते हैं। सच्चाई की शक्ति से समय प्रमाण उनका 
दिमाग युक्तियुक्त, यथार्थ कार्य स्वत: ही करता है। भगवान को राज़ी किया हुआ है 
इसलिए हर संकल्प, बोल और कर्म यथार्थ होता है। वह राजयुक्त, युक्तियुक्त, 
योगयुक्त बन जाते हैं। 

स्लोगन:- बाप के लव में सदा लीन रहो तो अनेक प्रकार के दु:ख और धोखे से बच जायेंगे।