Sunday, May 19, 2013

Murli [19-05-2013]-Hindi

19-05-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:06-02-76 मधुबन 

बापदादा के सहयोगी-राईट हैण्ड और लेफ्ट हैण्ड 

वरदान:- स्नेह के सागर में समाकर मेरे पन की मैल को समाप्त करने वाले पवित्र आत्मा भव 

जो सदा स्नेह के सागर में समाये रहते हैं उनको दुनिया की किसी भी बात की सुधबुध नहीं रहती। 
स्नेह में समाये होने के कारण वे सब बातों से सहज ही परे हो जाते हैं। भक्तों के लिए कहते हैं यह तो 
खोये हुए रहते हैं लेकिन बच्चे सदा प्रेम में डूबे हुए रहते हैं। उन्हें दुनिया की स्मृति नहीं, मेरा-मेरा सब 
खत्म। अनेक मेरा मैला बना देता है, एक बाप मेरा तो मैलापन समाप्त हो जाता और आत्मा पवित्र बन जाती है। 

स्लोगन:- बुद्धि में ज्ञान रत्नों को ग्रहण करना और कराना ही होलीहंस बनना है।