मुरली सार:- ''मीठे बच्चे-20 नाखूनों का जोर दे पुरुषार्थ करो और बाप से पूरा वर्सा लो,
प्रश्न:- तुम बच्चों को किस बात का कदर हो तो बहुतों के कल्याण के निमित्त बन सकते हो?
उत्तर:- बाप ने जो इतने सुन्दर-सुन्दर मैडल्स (बैज) बनवाये हैं... इनका तुम बच्चों को बहुत
गीत:- माता ओ माता...
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) बाबा हमको वर्सा देने आये हैं तो 20 नाखूनों का जोर देकर भी बाप से पूरा
2) शिवबाबा की याद से खुशबूदार फूल बनना और बनाना है। विशालबुद्धि और
वरदान:- सर्व प्रति शुभ कल्याण की भावना रख परिवर्तन करने वाले बेहद सेवाधारी भव
मैजारिटी बच्चे बापदादा के आगे अपनी यह आश रखते हैं कि हमारा फलाना संबंधी बदल
स्लोगन:- ज्ञान रूपी बाणों को बुद्धि रूपी तरकश में भरकर माया को ललकारने वाले ही महावीर योद्धे हैं।
धारणा कर दूसरों को कराओ''
प्रश्न:- तुम बच्चों को किस बात का कदर हो तो बहुतों के कल्याण के निमित्त बन सकते हो?
उत्तर:- बाप ने जो इतने सुन्दर-सुन्दर मैडल्स (बैज) बनवाये हैं... इनका तुम बच्चों को बहुत
कदर होना चाहिए। यह बैज ही तुम्हारी सच्ची गीता है, इस पर तुम सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त
का राज़ किसी को भी समझा सकते हो। तुम्हारे पास यह निशानी सदैव होनी चाहिए। बाबा ने
बहुत ख्यालात से यह चीजें बनवाई हैं, इनकी बहुत महिमा निकलेगी।
गीत:- माता ओ माता...
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) बाबा हमको वर्सा देने आये हैं तो 20 नाखूनों का जोर देकर भी बाप से पूरा
वर्सा जरूर लेना है।
2) शिवबाबा की याद से खुशबूदार फूल बनना और बनाना है। विशालबुद्धि और
दूरादेशी बन लॉकेट पर अच्छी रीति सर्विस करनी है।
वरदान:- सर्व प्रति शुभ कल्याण की भावना रख परिवर्तन करने वाले बेहद सेवाधारी भव
मैजारिटी बच्चे बापदादा के आगे अपनी यह आश रखते हैं कि हमारा फलाना संबंधी बदल
जाए। घर वाले साथी बन जाएं लेकिन सिर्फ उन आत्माओं को अपना समझ यह आश रखते
हो तो हद की दीवार के कारण आपकी शुभ कल्याण की भावना उन आत्माओं तक पहुंचती
नहीं। बेहद के सेवाधारी सर्व प्रति आत्मिक भाव वा बेहद की आत्मिक दृष्टि, भाई-भाई के
संबंध की वृत्ति से शुभ भावना रखते हैं तो उसका फल अवश्य प्राप्त होता है - यही मन्सा सेवा
की यथार्थ विधि है।
स्लोगन:- ज्ञान रूपी बाणों को बुद्धि रूपी तरकश में भरकर माया को ललकारने वाले ही महावीर योद्धे हैं।