Thursday, February 7, 2013

Murli [7-02-2013]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - बाप के ज्ञान की कमाल है जो तुम इस ज्ञान और योगबल से बिल्कुल पवित्र बन जाते हो, बाप आये हैं तुम्हें ज्ञान से ज्ञान परी बनाने'' 
प्रश्न:- बाप की कमाल पर बच्चे बाप को इनएडवान्स कौन सा इनाम देते हैं? 
उत्तर:- बाप पर बलि चढ़ना ही उन्हें इन-एडवांस इनाम देना है। ऐसे नहीं बाबा पहले ब्युटीफुल बनाये फिर बलिहार जायेंगे। अभी पूरा बलि चढ़ना है। शरीर निर्वाह करते, बाल-बच्चों को सम्भालते श्रीमत पर चलना ही बलिहार जाना है। इस पुरानी दुनिया में तो ठिक्कर-ठोबर हैं इनसे बुद्धियोग निकाल बाप और नई दुनिया को याद करना है। 
गीत:- तू प्यार का सागर है... 
धारणा के लिए मुख्य सार:- 
1) गृहस्थ को आश्रम अर्थात् पवित्र बनाना है। पवित्रता में ही बल है, पवित्रता का ही मान है इसलिए योगबल और पवित्रता का बल जमा करना है। 
2) मोस्ट बिलवेड एक बाबा है, उस पर पूरा-पूरा बलि चढ़ पुरानी दुनिया से बुद्धि निकाल देनी है। 
वरदान- सदा हर दिन स्व उत्साह में रहने और सर्व को उत्साह दिलाने वाले रूहानी सेवाधारी भव 
बापदादा सभी रूहानी सेवाधारी बच्चों को स्नेह की यह सौगात देते हैं कि ''बच्चे हर रोज़ स्व उत्साह में रहो और सर्व को उत्साह दिलाने का उत्सव मनाओ।'' इससे संस्कार मिलाने की, संस्कार मिटाने की जो मेहनत करनी पड़ती है वह छूट जायेगी। यह उत्सव सदा मनाओ तो सारी समस्यायें खत्म हो जायेंगी। फिर समय भी नहीं देना पड़ेगा, शक्तियां भी नहीं लगानी पड़ेगी। खुशी में नाचने, उड़ने वाले फरिश्ते बन जायेंगे। 
स्लोगन:- ड्रामा के राज़ को समझ नथिंगन्यु का पाठ पक्का करने वाले ही बेफिक्र बादशाह हैं।