Thursday, February 28, 2013

Murli [28-02-2013]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - सवेरे-सवेरे उठ बाप से गुडर्मानिंग करो, ज्ञान के चिंतन में रहो तो खुशी का पारा चढ़ा रहेगा'' 
प्रश्न:- एक्यूरेट याद क्या है? उसकी निशानियां क्या होंगी? 
उत्तर:- बड़े धैर्य, गम्भीरता और समझ से बाप को याद करना ही एक्यूरेट याद है। जो एक्यूरेट याद में रहते हैं उन्हें जास्ती करेन्ट मिलती है, पापों का बोझा उतरता जाता है। आत्मा सतोप्रधान बनती जाती है। उनकी आयु बढ़ती जाती है, उन्हें बाप की सर्चलाइट मिलती है। 
धारणा के लिए मुख्य सार: 1) बीती सो बीती कर पहले अपने को सुधारना है। आत्म अभिमानी रहने की मेहनत करनी है। जास्ती बोलना नहीं है। 
2) अपनी झोली ज्ञान रत्नों से भरकर उनका दान कर बहुतों के कल्याण के निमित्त बनना है। सबका प्यारा बनना है। अपार खुशी में रहना है। 
वरदान:- याद और सेवा के बैलेन्स द्वारा सर्व की ब्लैसिंग प्राप्त करने वाले सफलतामूर्त भव 
जो बच्चे याद में रहकर सेवा करते हैं उन्हें मेहनत कम और सफलता अधिक मिलती है क्योंकि दोनों का बैलेन्स रखने से ब्लैसिंग मिलती हैं। याद में रहकर जिन आत्माओं की सेवा करते हो उनके मन से वाह श्रेष्ठ आत्मा, वाह मेरी जीवन को बदलने वाली आत्मा...यह वाह-वाह की आशीर्वाद निकलती है। जिन्हें ऐसी आशीर्वाद सदा मिलती है उन्हें बिना मेहनत के नेचुरल खुशी रहती है और सहज आगे बढ़ते सफलता का अनुभव करते हैं। 
स्लोगन:- जिनके जीवन में शीतलता है वे दूसरों के जलते हुए चित्त पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।