Monday, February 11, 2013

Murli [11-02-2013]-Hindi

मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - नर से नारायण बनने के लिए परफेक्ट ब्राह्मण बनो, सच्चा ब्राह्मण वह जिसमें कोई भी विकार रूपी दुश्मन न हो'' 
प्रश्न:- बाप का रिगार्ड किन बच्चों को प्राप्त होता है? समझदार कौन हैं? 
उत्तर:- बाप का रिगार्ड उन्हें मिलता जो यज्ञ का हर एक कार्य रेसपान्सिबिलिटी से करते हैं। कभी गफलत नहीं करते। पावन बनाने की रेसपान्सिबिलिटी समझ इसी सेवा पर तत्पर रहते हैं। चलन बहुत रॉयल है, कभी नाम बदनाम नहीं करते। आलराउन्डर हैं। समझदार वह जो फुल पास होने की कोशिश करते हैं। कभी दु:खदाई नहीं बनते। कोई भी उल्टा कार्य नहीं करते। 
गीत:- आज नहीं तो कल बिखरेंगे यह बादल... 
धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) किसी की दिल को कभी भी दुखाना नहीं है। प्रतिज्ञा करनी है कभी कोई पाप का काम नहीं करेंगे। सदा सुखदाई बनेंगे। 
2) कर्मेन्द्रियों से कोई भी उल्टा कर्म नहीं करना है। बाप और दादा की मत पर चल अपना बोझ उतार देना है। 
वरदान:- ऊंची स्टेज पर रह प्रकृति की हलचल के प्रभाव से परे रहने वाले प्रकृतिजीत भव 
मायाजीत तो बन रहे हो लेकिन अब प्रकृतिजीत भी बनो क्योंकि अभी प्रकृति की हलचल बहुत होनी है। कभी समुद्र का जल अपना प्रभाव दिखायेगा, तो कभी धरनी अपना प्रभाव दिखायेगी। अगर प्रकृतिजीत होंगे तो प्रकृति की कोई भी हलचल हिला नहीं सकेगी। सदा साक्षी होकर सब खेल देखेंगे। जैसे फरिश्तों को सदा ऊंची पहाड़ी पर दिखाते हैं, ऐसे आप फरिश्ते सदा ऊंची स्टेज पर रहो तो जितना ऊंचें होंगे उतना हलचल से स्वत: परे हो जायेंगे। 
स्लोगन:- अपने श्रेष्ठ वायब्रेशन से सर्व आत्माओं को सहयोग की अनुभूति कराना भी तपस्या है।